विधवा मां का जीने का छीन गया सहारा, गैस सिलिंडर फटने के बाद हुआ था जख्मी मदनपुर. औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के सलैया गांव निवासी 19 वर्षीय रुद्रप्रताप सिंह आखिरकार जिंदगी की जंग हार गया. मंगलवार की सुबह बेंगलुरु में उसकी मौत हो गयी. वैसे रूद्रप्रताप इंजीनियरिंग का छात्र था. जानकारी के अनुसार अपने आवास पर वह चाय बना रहा था, तभी गैस सिलिंडर ब्लास्ट कर गया. आग से झुलसकर बुरी तरह जख्मी हो गया. चार दिनों तक हॉस्पिटल में जीवन और मौत के बीच झूलता रहा. पांचवे दिन जिंदगी की जंग हार गया. वह इकलौता संतान था. बचपन में ही उसने पिता को खो दिया था. मात्र 40 साल की उम्र में पिता भानुप्रताप सिंह का निधन हो गया था. मां अनामिका सिंह ने इकलौते बेटे के सहारे जीना सीखा. दादा सुदर्शन सिंह और चाचा राजीव रंजन सिंह सहित परिवार के हर सदस्य ने संघर्ष में उनका साथ दिया. मां ने बोकारो में रह कर बेटे की पढ़ाई करायी. रुद्रप्रताप का पार्थिव शरीर विशेष विमान से चाचा राजीव रंजन, पीयूष रंजन, निखिल रंजन और बुलबुल ने बुधवार को पटना लाया. देर शाम गांव में ही उसका अंतिम संस्कार किया गया. रुद्रप्रताप के चाचा दीपक सिंह जनता दल यू के प्रदेश महासचिव है. उन्होंने कहा कि रूद्रप्रताप बचपन से ही मेधावी था.रुद्रप्रताप के दादा शंकर दयाल सिंह पूर्व विधान पार्षद थे. चाचा पीयुष रंजन व्यापार मंडल के अध्यक्ष है. इधर, रूद्र की मौत के बाद जिले में शोक की लहर दौड़ गयी. समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों, जनप्रतिनिधियों ने शोक जताया.
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