नवीनगर. भारतमाला परियोजना अंतर्गत निर्माण हो रहे वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे में लगातार विवादों का दौर चल रहा है. जबरन भूमि कब्जा करने को लेकर पचमों गांव में सीओ और किसानों के बीच नोक-झोंक होने का मामला प्रकाश में आया है. एक्सप्रेस-वे निर्माण में उचित मुआवजा को लेकर किसान पिछले कई माह से आंदोलन कर रहे हैं. जानकारी मिली कि सीओ निकहत प्रवीन पुलिस बल और पीएनसी कंपनी के मशीनों के साथ पहुंची और भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया. यह देख किसानों ने जमकर हंगामा किया. सीओ द्वारा जैसे ही भूमि अधिग्रहण किया जाने लगा वैसे ही आसपास के गांव पचमो, सिमरा, बेलौटी, परसा, अजनीया के किसान भी प्रभावित स्थल पर पहुंच गये. सीओ के खिलाफ प्रदर्शन किया. पचमों गांव के किसान अमरेश दुबे तथा कृष्णा द्विवेदी को सीओ के कहने पर बड़ेम थाना की पुलिस हिरासत में लेकर थाने ले गयी. हालांकि, आक्रोश और भीड़ को देखते हुए उन्हें छोड़ दिया गया. किसान रवि दूबे ने बताया कि उनके गांव में अभी तक इक्के-दुक्के किसानों को ही मुआवजा मिला है. बावजूद प्रशासन हमारी जमीनों को कब्जा कर रही है. सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि बिना मुआवजा दिये किसान का जमीन अधिग्रहण नहीं हो सकता .परसा गांव के प्रभावित किसान वीरेंद्र सिंह ने इसके खिलाफ आंदोलन को तेज करने की बात कही. मौके पर अनिल सिंह, विशाल पाल, सरोज पाल, अशोक सिंह, मधुसूदन प्रसाद सिन्हा, अरुण दूबे, लवकुश दूबे, अजय दूबे, रंजित दूबे, रवीश सिंह, गिरीश सिंह, अभय कुमार, निर्भय सिंह आदि लोग मौजूद थे.
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