गोह. धान की निकाई के इस अहम मौसम में गोह के किसानों को यूरिया के लिए घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है. बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. आरोप है कि गोह के कर्मचारी, दलाल नेताओं के संरक्षण में खुलेआम खाद की कालाबाजारी हो रही है. किसानों का कहना है कि जब वे विरोध करते हैं, तो कर्मचारियों की ओर से उन्हें धमकाया जाता है. यहां तक कि लाइन में खड़े लोगों को मोबाइल छीन लेने की धमकी तक दी जा रही है. किसानों ने बताया कि सुबह से सैकड़ों किसान खाद लेने के लिए लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन असल में खाद किसानों के बजाय बिचौलियों के हाथों बेची जा रही है. इस पूरे मामले में जिला प्रशासन पूरी तरह बेखबर बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल इसी महीने खाद को लेकर गोह में हंगामा होता है. जब किसान आंदोलन पर उतरते हैं, तो जिला प्रशासन इफको कर्मचारियों का तबादला करने का आश्वासन देकर मामले को शांत करा देता है. मगर हकीकत यह है कि पिछले चार वर्षों से कोई ठोस नीति नहीं अपनायी गयी, जिससे किसानों तक समय पर और सुगमता से खाद की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. किसानों ने यह भी सवाल उठाया कि आखिर क्यों अब तक पैक्सों को खाद बांटने का लाइसेंस नहीं दिया गया. यदि सहकारी समितियों के माध्यम से खाद वितरण की गारंटी दी जाये, तो बिचौलियों का खेल बंद हो सकता है और किसानों को सीधे लाभ मिल सकेगा. गोह प्रखंड के किसानों ने जिला प्रशासन से इस पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की है. किसानों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे 18 सितंबर से इफको बाजार, गोह के सामने बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करेंगे.
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