औरंगाबाद कार्यालय.
सदर प्रखंड के जम्होर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल विष्णुधाम में विष्णुधाम महोत्सव का शुभारंभ भक्तिमय वातावरण में हुआ. पर्यटन विभाग बिहार द्वारा आयोजित महोत्सव का उद्घाटन विधान पार्षद दिलीप कुमार सिंह, विधायक आनंद शंकर सिंह, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, उप विकास आयुक्त अभ्येंद्र मोहन सिंह, एसडीओ संतन कुमार सिंह, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, आयोजन समिति के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह, संरक्षक सिद्धेश्वर विद्यार्थी, प्रमुख धनिक लाल मंडल, उप प्रमुख प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह, महंत बालकानंद ब्रह्मचारी, जम्होर पंचायत की मुखिया अलावती देवी, भोपतपुर मुखिया प्रभावती देवी, विधायक प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. उदघाटन के उपरांत बिहार गान के साथ कार्यक्रम की गतिविधियों की शुरूआत हुई. विधायक आनंद शंकर सिंह ने कहा कि विष्णुधाम महोत्सव को सरकारीकरण होना धाम की महत्ता को और प्रसिद्ध करेगा. यह जिले का अद्वितीय स्थान है. पर्यटन विभाग के कैलेंडर में आने से इसकी व्यवस्था दुरुस्त होगी. विकास के लिए हम पुरजोर प्रयास करेंगे. जम्होर नगर पंचायत के विस्तारीकरण में इस स्थल को जोड़कर इसका पूरा विकास किया जायेगा. विधान पार्षद दिलीप कुमार सिंह ने भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की चर्चा की. महोत्सव को राजकीय होने से अब इसके विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इस स्थल के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जायेगा. जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि विष्णु धाम बड़ा ही मनोरम धार्मिक स्थल है. इस स्थल का पर्यटन सर्किट से जुड़ने पर अब इसका अपेक्षित विकास होगा. उप विकास आयुक्त अभ्येंद्र मोहन ने स्वागत भाषण में अतिथियों का आभार व्यक्त किया. संचालन डॉ हेरम्ब मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन एसडीओ संतन कुमार सिंह ने किया.कलशयात्रा में शामिल हुए हजारों श्रद्धालु
विष्णु धाम महोत्सव के उद्घाटन के पूर्व दुर्गा मैदान से श्रीराम प्रज्ञा मंडल के अध्यक्ष नवनीत कुमार के नेतृत्व में कलश यात्रा की शुरूआत हुई. कलश यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए. पीले परिधान में सुसज्जित श्रद्धालु माथे पर कलश लेकर जय श्री राम-जय श्री विष्णु का नारा लगाते हुए विष्णु धाम पहुंचे. उनके कलश के जल से विष्णु धाम परिसर स्थित शिव परिवार पर जलाभिषेक एवं रुद्राभिषेक किया गया. कलश के ढक्कन में रखी मिट्टी को विष्णु धाम मंदिर परिसर के बगल में स्थापित किया गया ताकि विश्व शांति की स्थापना हो. आचार्य छोटेलाल पांडेय के नेतृत्व में 11 ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ भगवान विष्णु की षोडशोपचार विधि से पूजा अर्चना की गयी.विचार गोष्ठी में धाम की महिमा व गरिमा पर चर्चा
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. अध्यक्षता समकालीन जवाबदेही के प्रधान संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा व संचालन एवं विषय प्रवेश जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी ने किया. विष्णु धाम की महिमा एवं गरिमा विषय पर ज्योतिर्विद शिव नारायण सिंह, साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद, कवि लवकुश प्रसाद सिंह, जनेश्वर विकास केंद्र के अध्यक्ष रामजी सिंह ने कहा कि यह मगध के चार धामों में से एक है. इसकी महत्ता लगातार बढ़ रही है. औरंगाबाद के लिए सौभाग्य की बात है कि यह जिला महोत्सव का जिला बन गया है. मौके पर सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता, डॉ कमलेश सिंह, सुजीत कुमार गुप्ता, बाबूराम सिंह उमा देवी, अनिल अग्रवाल, संतोष मेहता, बिंदेश्वरी मेहता, राजेंद्र सिंह, संजय कुमार गुप्ता, राजीव कुमार सिंह, सुजीत कुमार पिकू, पवन कुमार मुन्ना, कुंदन कुमार आदि उपस्थित थे. इधर, रामप्रसाद सिन्हा विद्यालय सिरिस के छात्र-छात्राओं ने बेहतर प्रस्तुति दी.चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के बंदोबस्त
विष्णु धाम महोत्सव को लेकर जम्होर का इलाका भक्तिमय माहौल में ढल गया. कहीं पूजा-पाठ तो कहीं धार्मिक गीत-संगीत की ध्वनी गुंजती रही. भगवान विष्णु के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. अहले सुबह से ही कतारबद्ध होकर श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना की. इधर महोत्सव स्थल पर सुरक्षा का पुख्ता बंदोवस्त किया गया था. बारुण प्रखंड बीडीओ मनोज अग्रवाल एवं जम्होर थानाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद लगातार सुरक्षा की निगरानी कर रहे थे. महोत्सव स्थल भव्य मेले में बदला हुआ था.आखिरकार सरकारी महोत्सव का मिला दर्जा
बतरे-बटाने व मोक्षदायिनी पुनपुन के संगम व रढुआधाम में वैसे तो विष्णु धाम महोत्सव का आयोजन पूर्व में भी हुआ था, लेकिन अब महोत्सव को सरकारी दर्जा प्राप्त हो गया है. दो दिन पहले सरकारीकरण किया गया. बड़ी बात यह है कि एक छोटे से जगह पर महोत्सव की शुरूआत करने वाले उन समाजसेवियों की सरकारी महोत्सव कराने में अधिक भूमिका है. महोत्सव के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में लगातार इसके लिए प्रयास किया जा रहा था.कई बार इसे निजी महोत्सव का नाम दिया गया. अध्यक्ष व कमिटी के लोगों की गुहार को जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं सुनी.इसके बाद भी कुछ प्रायोजक और समाजसेवियों के साथ व्यवसायियों की मदद से अजीत ने महोत्सव का आयोजन कराया. अब वर्ष 2025 से महोत्सव को सरकारी दर्जा प्राप्त हो गया है. दस लाख रुपये खर्च किये गये. यह जम्होर के लिए नहीं बल्कि औरंगाबाद के लिए भी गौरव वाली बात है. अध्यक्ष अजीत कुमार सिंह और उनके साथियो की आखिरकार मेहनत रंग लायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

