औरंगाबाद/कुटुंबा. औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने गुरुवार को कुटुंबा थाना क्षेत्र के एरका और जमुआ गांव पहुंचकर हत्या की वारदात में मारे गये मृतक के परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दिया. पूर्व सांसद ने कहा कि दोनों जगह की अपराधिक घटना शर्मनाक है. इसकी घोर निंदा होनी चाहिए. आपके दुःख में साथ हूं. अपराधी की कोई जात नहीं होती है. उनका उद्देश्य हीं सिर्फ अपराध करना होता है. वे पहले एरका गांव में पहुंचे, जहां जमींदार पासवान के 11 वर्षीय पुत्र अंकित की गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में दोषियों को बक्सा नहीं जायेगा. बालक के अपहरण की घटना के सूचना मिलते के साथ हीं पुलिस को सक्रिय हो जाना चाहिए था. शायद घटना टल जाती. पूर्व सांसद ने औरंगाबाद के एसपी से अन्य घटनाओ को संज्ञान में लेकर अपराधी के विरुद्ध सख्ती से कार्रवाई करने की मांग की है. इसके बाद वे जमुआ गांव पहुंचे. उक्त गांव में मृतक रंजीत पासवान की मां, पत्नी, बेटी व अन्य परिजनों से मिलकर सांत्वना दिया और हर तरह से सहयोग करने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञ करने वाले कई लोग राजनीति रोटी सेक रहे है. वैसे लोगो से सचेत रहने की जरूरत है. निर्भीक होकर पुलिस को अपनी व्यथा बताएं. उन्होंने कहा कि अपराधिक घटना के उद्भेदन कर अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने के लिए एसपी से बात करूंगा. पूर्व एमपी के साथ जगनारायण पांडेय, अरविंद पासवान, कुटुंबा मंडल अध्यक्ष प्रवीण कुमार, रामाकांत सिंह, आकाश सिंह, ब्रजेश सिंह, धर्मेंद्र सिंह, विजय सिंह, रामाशीष कुमार, दिनेश पासवान, मुकेश कुमार, मृत्युंजय सिंह आदि थे.
भाकपा माले नेताओं ने किया घटना का निंदा, 10 लाख रुपये मुआवजा की मांग
गुरुवार को भाकपा माले नेताओं के पांच सदस्यीय टीम जमुआ गांव पहुंची और रंजीत के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया. भाकपा माले की टीम में जिला सचिव मुनारिक राम, अखिल भारतीय किसान महासभा के सत्येंद्र सिंह कुशवाहा, कुटुंबा प्रखंड सचिव रमेश पासवान, किसान महासभा के संजय कुमार तेजा व मथुरा प्रसाद सिंह शामिल थे. नेताओं ने रंजीत की पत्नी से घटना के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की. इस क्रम में अभियुक्तों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने की बात कही. इसके साथ ही रंजीत पासवान के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा की मांग सरकार से की है. जिला सचिव ने कहा कि तथाकथित सुशासन की सरकार में अपराधी गतिविधि चरम सीमा पर है. लगातार गरीब व दलितों की हत्या की जा रही है.
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