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Aurangabad News: सदर अस्पताल के जी प्लस नाइन भवन में स्वास्थ्य सुविधा बहाल

Aurangabad News:डॉक्टरों की कमी से व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न, हर दिन जारी है हंगामा, अधिकारियों का नहीं है ध्यान

औरंगाबाद ग्रामीण.

सदर अस्पताल की नौ मंजिला भवन में स्वास्थ्य सुविधा बहाल कर दी गई है. वैसे इस भवन में भूतल और प्रथम तल पर ही ग मरीज के लिए इलाज की व्यवस्था बनायी गयी है. लिफ्ट की सुविधा नहीं होने के कारण अन्य तलों पर जाने के लिए वर्तमान समय में रोक लगा दिया गया है. फिलहाल भूतल और प्रथम तल पर छह विभागों द्वारा इलाज की सुविधा दी गई है, जिसमें आंख विभाग, दंत विभाग, गैर संचारी रोग विभाग, एमसीडी कैंसर स्कैनिंग विभाग, बच्चों का टीकाकरण, मातृत्व शिशु युवा क्लिनिक शामिल है. सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मरीजों की परेशानियों को देखते हुए नौ मंजिला भवन का शुभारंभ किया गया है. वैसे अन्य तलों पर भी जल्द ही सुविधा बहाल कर दी जायेगी. भवन निर्माण का कार्य करा रही कंपनी द्वारा लिफ्ट का कार्य कराया जा रहा है. लिफ्ट का कार्य संपन्न होते ही मरीजों की परेशानियां समाप्त हो जायेगी. इसके बाद सुदृढ़ व बेहतर सुविधा मरीजों को प्रदान की जायेगी. उपाधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि नौ मंजिला भवन में इलाज की सुविधा होने से मरीजों को सहूलियत हो रही है. वहां पर्याप्त मात्रा में जगह भी है. पुराने भवन में मरीजो को खड़ा होने तक के लिए जगह नही होता था. नौ मंजिला भवन में खड़े होने और बैठने की भी पर्याप्त जगह है. अगर मरीज डॉक्टर कक्ष के इलाज करा रहा है तो उसके परिजनों को इंतजार करने के लिए हॉल में बैठने की भी व्यवस्था है. इधर, नौ मंजिला भवन में कई विभागों की सुविधा होने के कारण डॉ रविरंजन व डॉ अजितेश ने अपने कर्मियों के साथ सभी विभागों का जायजा लिया. हर एक वार्ड व कक्ष में घूम-घूमकर व्यवस्था में बारे में जाना. डॉ अजितेश ने बताया कि गैर संचारी विभाग में ब्लड प्रेशर, सुगर और तीन सामान्य कैंसर जिसमे मुख, स्तन व गर्भाशय की जांच होगी. ज्ञात हो कि प्रगति यात्रा पर 11 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औरंगाबाद पहुंचे थे और सदर अस्पताल में तीन भवनों का उद्घाटन किया था. हालांकि उद्घाटन के बाद भवन पूरी तरह तैयार नहीं होने के कारण इसका शुभारंभ नहीं किया गया था. इसके बाद मामला तूल पकड़ लिया था. कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया था. मीडिया में भी खबर प्रमुखता से चली थी. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग हरकत में नहीं आयी. हालांकि, अब दो तल्ले में कुछ विभागों को शुरू करने से पुराने भवन पर लोड कम हो गया और मरीजों को सहूलियत मिल रही है.

जारी है डॉक्टरों की लापरवाही

सदर अस्पताल में डॉक्टकरों की लापरवाही जारी है. ड्यूटी से पहले कुर्सी छोड़ देना और लेट से ड्यूटी ज्वाइन करना इनकी आदत बन गयी है. गुरुवार की दोपहर ओपीडी में डॉ यमुना पांडेय मरीजों का इलाज कर रहे थे. लंबी लाइन लगी हुई थी. तीन डॉक्टरों की जगह पर एक डॉक्टर को होने से अफरा-तफरी की स्थिति रही. कतार में खड़े लोगों ने हंगामा भी किया. उपाधीक्षक पहुंचे,तब जाकर स्थिति सुदृढ़ हुई. इधर सिविल सर्जन ने कहा कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है. इसके लिए ऊपर विभाग को भी लिखा गया है. जल्द ही डॉक्टरों को बहाल होने की उम्मीद है. वैसे उन्होंने कार्य में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों को सचेत रहने को कहा है. इसका मुख्य कारण है इलाज में डॉक्टरों की शिकायत आना. कहा कि जब पूर्णरूप से डॉक्टरों की बहाली हो जाएगी तो लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी और उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है.

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