कुटुंबा़ किसी भी राज्य व राष्ट्र के विकास के लिए बेहतर खेती जरूरी है. उन्नत कृषि के बगैर किसी भी राज्य व राष्ट्र के विकास की परिकल्पना संभव नहीं है. ये बातें सहायक उद्यान निदेशक डॉ श्रीकांत ने कही. वे शनिवार को संयुक्त कृषि भवन औरंगाबाद में खेतिहरों को गरमा सब्जी फसल लगाने के लिए प्रेरित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कृषि को अर्थ व्यवस्था का रीढ़ माना जाता है. अब परंपरागत खेती के अलावा कृषको को समेकित कृषि प्रणाली को अपनाना होगा. उन्होंने बताया कि नई तकनीक से गरमा सब्जी की खेती करने से उत्पादकों को अच्छी आमदनी होगी. बेहतर उत्पादन से किसानों के घर खुशीहाली आयेगी. उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग किसानों को आमदनी दोगुनी करने के लिए फल, फूल, सब्जी के साथ ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रही है. किसानों को सब्जी विकास योजना अंतर्गत 75 प्रतिशत अनुदान पर नेनुआ, भिंडी, कद्दू, करैला और गरमा मिर्च का बीज के साथ बैगन का पौधा दिया जा रहा है. इच्छुक कृषक सब्जी बीज लेने के लिए अपना आवेदन ऑनलाइन कर सकते हैं.
ऑनलाइन में जमीन का दस्तावेज जरूरी
बीएचओ रजनीश कुमार व आशुतोष कुमार ने संयुक्त रूप से बताया कि अनुदान पर सब्जी का बीज प्राप्त करने के लिए कृषकों को भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र या दो वर्ष पूर्व से अद्यतन हाल का राजस्व रसीद, वंशावली, एकरारनामा, आधार कार्ड के साथ-साथ किसान रजिस्ट्रेशन जरूरत है. बटाईदार किसानों के लिए संबधित कार्यालय से लेकर फार्मेट भर कर कार्यालय में जमा करना होगा. उन्होंने बताया कि बताया कि लौकी, नेनुआ व भिंडी के 50 ग्राम बीज लेने के लिए 50 रूपये, करैला 50 ग्राम के 100 रूपए तथा मिर्चा के 25 ग्राम बीज लेने के लिए अनुदान की राशि काटकर 300 रूपये जमा करना है. एक किसान कम से कम 25 डिसमिल और अधिकतम ढाई एकड़ तक भूमि में सब्जी की खेती कर सकते हैं.
वरदान साबित हो रहीं योजनाएं
उद्यान विभाग की योजनाएं किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है़ वर्तमान में भूमिहीन किसानों के लिए मधुमक्खी पालन से लेकर मशरूम की खेती करने का अवसर प्रदान हो रहा है. वहीं रैयतदारों के लिए लॉकी, भिंडी, करैला, नेनुआ, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, टमाटर, आलू व खीरा आदि सब्जी का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके साथ ही आम, अमरूद, पपीता, नारियल, सेव, केला, ड्रायगन फ्रूट,अंजीर से लेकर स्ट्राबेरी के साथ-साथ विभिन्न तरह के फूलों की खेती पर उद्यान विभाग जोर दे रहा है.
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