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कवि, पत्रकार, प्रखर वक्ता व सफल राजनीतिज्ञ थे पूर्व पीएम अटल जी

अंबा के मां सतबहिनी मंदिर परिसर में प्रखर सप्ताह समारोह का आयोजन

अंबा के मां सतबहिनी मंदिर परिसर में प्रखर सप्ताह समारोह का आयोजन फोटो नंबर-13- पूर्व पीएम के चित्र पर माल्यार्पण करते उपस्थित लोग प्रतिनिधि, कुटुंबा देश के पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे हिन्दी कवि, निर्भीक पत्रकार व प्रखर वक्ता के साथ-साथ सफल राजनीतिज्ञ थे. राजनीति के क्षेत्र में विपरीत परिस्थिति का सामना कर उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया. यह बातें अंबा के मां सतबहिनी मंदिर परिसर में जयंती समारोह पर आयोजित प्रखरता सप्ताह समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहीं. सतबहिनी मंदिर न्यास समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवशंकर पांडेय व संचालन प्रो रामजीत सिंह ने किया. लोगों ने वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य मुख्य वक्ता कवि लवकुश प्रसाद सिंह ने अपनी पंक्ति से उनके जीवन व कार्यकाल पर विशेष चर्चा करते हुए उन्हें उद्गार व निश्चल बताया. ”थे अटल बिहारी वाजपेई उद्धार व निश्छल” पंक्ति को कविता का रूप देकर उन्होंने वाजपेयी की जीवनी एवं कार्यकाल की सराहना की. न्यास समिति सचिव अधिवक्ता सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि धार्मिक न्यास परिषद पटना बिहार की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी, स्वामी विवेकानंद तथा संत रविदास की जयंती आयोजित करने का संदेश प्राप्त है. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती प्रखरता सप्ताह के रूप में मनायी जा रही है. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी के इरादे अटल थे. पोखरण विस्फोट के दौरान देश की जनता को देखने को मिला था. वे राजनीति के अजातशत्रु कहे जाते हैं. उन्होंने कहा कि बहुआयामी व्यक्तित्व के थे. कोई उन्हें अच्छे लेखक कहता है, तो कोई अच्छे राजनीतिज्ञ कहता है. इसके साथ वे अच्छे संत भी थे. विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने इंदिरा गांधी को दुर्गा कहा. उन्होंने अपनी सत्ता के दौरान देश की तरक्की के लिए लकीर खिंची, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है. वाजपेयी जी में गजब की आभा थी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि वाजपेयी जी में गजब की आभा थी. उन्होंने विपरीत परिस्थिति में राजनीतिक कर प्रधानमंत्री तक का सफर किया. इस दौरान देश को नयी दिशा देकर देश वासियों में स्वाभिमान जगाने का कार्य किया. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी राजनेता होने के बावजूद भी अपने हृदय में कविता जैसे कोमल अभिव्यक्ति के लिए जगह बनायी, यह उनकी खासियत रही थी. स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की शुरुआत की थी. इससे राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हुआ है. भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया गया था. इसका ही परिणाम है कि आज भारत निविर्वाद रूप से विश्व के मानचित्र पर एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में विराजमान है. देश का तीन बार किया नेतृत्व वक्ताओं ने कहा कि तीन बार उन्होंने देश का नेतृत्व किया. पहली बार 13 दिन, दूसरी बार 13 महीने व तीसरी बार संपूर्ण कार्यकाल पांच वर्ष के लिए प्रधानमंत्री बने. कहा कि राष्ट्र के लिए स्वाभिमान से कभी भी उन्होंने समझौता नहीं किया. दुनिया के शक्तिशाली देश के आगे उन्होंने कभी हथियार नहीं डाले. इसी का प्रतिफल है कि आज देश विकास के उसे पैमाने पर पहुंच रहा है. गजना धाम महोत्सव के विंध्याचल सिंह, न्यास समिति के सदस्य ओमप्रकाश शर्मा, योगेश सिंह, प्रो दिलीप कुमार आदि लोगों ने भी सभा को संबोधित किया. इस अवसर पर न्यास समिति के मिथिलेश मेहता, पुजारी राकेश मिश्रा, संतोष पांडेय, शिव कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह आदि रहे.

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