औरंगाबाद ग्रामीण. गुरुवार को भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने समाहरणालय का घेराव किया. इससे पहले गांधी मैदान से रमेश चौक तक आक्रोश मार्च निकालकर नारेबाजी की और रमेश चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. समाहरणालय के मुख्य द्वार पर कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, बेलगाम अपराधियों पर नकेल न कसने को लेकर नाराजगी भी जतायी. इस आक्रोश मार्च में भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर ज्योति भी शामिल हुए. अध्यक्षता जिलाध्यक्ष करण पासवान ने की. भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष अमर ज्योति ने कहा कि औरंगाबाद में लगातार दलितों की हत्या हो रही है. कुछ महीनों में दो किशोरी सहित चार लोगों की हत्या होना बड़ी बात है. औरंगाबाद में अपराधी बेलगाम घूम रहे है, लेकिन जिला प्रशासन इसपर कोई कार्रवाई नही कर रही है. अगर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाती तो अपराधियों का मनोबल इतना नही बढ़ता. उन्होंने नगर थानाध्यक्ष व कुटुंबा थानाध्यक्ष को निलंबित करने की मांग की. भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष करण पासवान ने कहा कि कुछ महीने पूर्व माली के एक गांव में किशोरी के साथ दुष्कर्म कर उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी थी. इसके बाद कुटुंबा में अंकित की हत्या कर दी गयी. होली के समय नगर थाना के समीप छात्रा कोमल की कार से कुचलकर हत्या कर दी गयी. अभी कोमल के चिता की आग बुझी भी नहीं थी कि कुटुंबा के जमुआ गांव निवासी युट्यूबर व कंपाउंडर रंजीत पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. लगातार चार घटना घटित होने के बाद भी जिला प्रशासन कान में तेल डालकर सोई हुई है. मौर्य आर्मी संगठन के संयोजक विकास मेहता ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि जितनी जल्द हो सके जिला प्रशासन आरोपितों की गिरफ्तारी करे और उन्हें सजा दें. अन्यथा इसके लिए अगर पटना की सड़कों पर भी आंदोलन करना पड़ेगा तो औरंगाबाद के लोग रुकने वाले नही है. इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम और एसडीपीओ को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में उल्लेख किया है कि जमुआ निवासी रंजीत पासवान की हत्या में संलिप्त अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाये. माली में किशोरी के साथ दुष्कर्म कर हत्या के दूसरे आरोपित को तत्काल गिरफ्तार किया जाये. सभी हत्या की जांच सीबीआई से उच्च स्तरीय करायी जाये. स्पीडी ट्रायल चलाकर 60 दिनों के अंदर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाये. हर एक पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये. परिवार को तत्काल सुरक्षा मुहैया प्रदान करें और एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा करें. इस दौरान रविंद्र कुमार पासवान, दीपक कुमार, रोहित कुमार, संतोष कुशवाहा समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे.
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