कुटुंबा.
कुटुंबा विधायक राजेश कुमार कर्मठ और संघर्षशील नेता है. उन्होंने निःस्वार्थ भाव से जनता की सेवा और संगठन को सशक्त करने का प्रयास किया है. इसका परिणाम है कि उन्हें कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौपी गयी है. यह कुटुंबा विधान सभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे जिले की गौरव की बात है. ये बातें कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने कही. इधर, विधायक को प्रदेश अध्यक्ष बनने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने अंबा में अबीर-गुलाल उड़ाकर मिठाईयां बांटी और खुशी का इजहार किया. कार्यक्रम का नेतृत्व प्रखंड अध्यक्ष नीलम सिंह ने की व संचालन एससीएसटी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अजय राम ने किया. उन्होंने कहा कि विधायक श्री कुमार निःस्वार्थ भाव से जीवनपर्यंत पार्टी के कार्य में जुटे रहे है. इन्होंने निजी हित में कभी किसी तरह की अपेक्षा नहीं की है. आजादी के बाद लंबे अर्से तक सड़क और पुल पुलिया के मामले में यह क्षेत्र अछूता रहा था. उन्होंने वर्ष 2015 में कुटुंबा के विधायक बनने के बाद एलान किया था कि उन्हें बाबूजी के अधूरे कार्यों को पूरा कर उनके सपनों को साकार करना है. आने वाले दिनों में संगठन पूरी तरह से सशक्त होकर अगामी विधानसभा चुनाव में बेहतर करेगा. इस दौरान पार्टी के नेताओं ने उनके विकास कार्यों और उपलब्धियों पर भी चर्चा की. इसके साथ हीं कुशल व्यक्तित्व व मधुर व्यवहार का बखान किया. मौके पर डुमरी पैक्स अध्यक्ष अभीजीत सिंह, पार्टी प्रवक्ता रामाकांत पांडेय, उपेंद्र सिंह, आजम इमाम, अजय तिवारी, चुनमुन सिंह, नरेंद्र सिंह, अशोक राम, ललन सिंह, अरविंद राम, विट्टू मेहता, लल्लू मेहता, रविशंकर चंद्रवंशी, नंदकिशोर यादव, अरविंद राम, इस्तेयाक खान, रवि सिंह राजपूत, अजीत कुमार, शशांक राम, ललन सिंह, अरविंद राम, नवीन कुमार रंजन, सोनू सिंह, चंद्रदेव राम समेत दर्जनो लोग थे.1995 से राजनीति में सक्रिय रहें हैं राजेश
कुटुंबा विधायक राजेश कुमार वर्ष 1995 से राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय रहे है. ऐसे तो कुटुंब विधानसभा क्षेत्र के लोगों से इनका पूर्वजों से रिश्ता रहा है. श्री कुमार के पिता दिलकेश्वर राम वर्ष 1980 से लेकर वर्ष 1990 तक लगातार देव के तत्कालीन विधायक रहे हैं. इस बीच सूबे के स्वास्थ्य मंत्री, वन पर्यावरण व मद्यनिषेध मंत्री, पशुपालन से लेकर सहाकारिता व लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के रूप में राज्य की सेवा की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुखिया कपिलदेव पांडेय ने बताया कि राजेश कुमार ने वर्ष 1995 में पहली बार देव विधानसभा क्षेत्र से चुनावी समर में किस्मत अजमाया था, पर सफलता नहीं मिली थी. इसके बाद वर्ष 2005 और 2010 में भी उन्हें कामयाबी हासिल नहीं हुई. उन्होंने बताया कि श्री कुमार वर्ष 2015 में पहली बार कुटुंबा विधान सभा क्षेत्र से विजयी हुए. इसके पश्चात 2020 के चुनाव में दूसरी बार जनता के दिल जीत कर विधानसभा पहुंचे. इस बीच कांग्रेस पार्टी में एससी-एसटी विभाग के प्रदेश अध्यक्ष और महागंठबन के सरकार में सत्तारूढ़ दल के सचेतक भी रहे. अन्य नेताओं ने कहा कि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में विधायक का सराहनीय पहल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

