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कृष्णजन्म के पूर्व सभी ग्रह नक्षत्र हो गये थे अनुकूल
औरंगाबाद कार्यालय. शहर के अदरी नदी के पावन तट पर श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन के दौरान जाने-माने कथावाचक विष्णुचितजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय की प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के पूर्व ही गोकुल में सभी ग्रह व नक्षत्र अनुकूल हो गये थे. नंद […]
औरंगाबाद कार्यालय. शहर के अदरी नदी के पावन तट पर श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन के दौरान जाने-माने कथावाचक विष्णुचितजी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय की प्रसंग को सुनाते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के पूर्व ही गोकुल में सभी ग्रह व नक्षत्र अनुकूल हो गये थे. नंद गांव की मिट्टी के कण-कण में लक्ष्मी का वास हो गया था. हर तरफ हरियाली और खुशहाली छा गयी थी. गोकुल के नर और नारी का स्वरूप में अचानक निखार आ गये थे, जिसे देख कर हर कोई आश्चर्यचकित थे.
लेकिन, इसका कारण कोई जान नहीं पा रहे थे, कि यह सब कैसे और क्यों हुआ. जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कंस के अधीन जेल में हुआ और वासुदेवजी उन्हें लेकर नंद बाबा के घर पहुंचे, तो भगवान का चरण जैसे ही नंद गांव की धरती पर पड़ी, पूरा गोकुल में उत्सव का माहौल बन गया. कहीं नृत्य होने लगे, कहीं ढोल नगाड़े बजने लगे.
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