औरंगाबाद नगर : कल तक जिस क्षेत्र में प्रशासन जाने से कतराता था, वहां मंगलवार को जिला प्रशासन का पूरा अमला एक साथ पहुंचा. डीएम कंवल तनुज तो पहली बार नक्सलग्रस्त क्षेत्र के सहियार गांव में पहुंचे थे. एसडीओ, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी, वरीय उपसमाहर्ता के लिए भी यह पहला नक्सलग्रस्त गांव में पहला ही अनुभव था. यहां तक कि प्रखंड कार्यालय में बैठे अधिकारी भी इस गांव में अब तक नहीं पहुंच पाये थे.
जब मंच पर मदनपुर बीडीओ अतुल कुमार को संबोधन के लिए बुलाया गया, तो मच संचालक ने पूछा कि जो पदाधिकारी मंच पर बोल रहे हैं, उन्हें आप सभी ग्रामीण पहचानते हैं? इस पर वहां पर उपस्थित सैकड़ों ग्रामीणों ने नहीं की आवाज दी. बीडीओ ने इसे स्वीकारते हुए कहा कि वे पहली बार इस गांव में आये हैं. अब हमेशा आपके सुख-दुख में साथ रहेंगे और समय-समय पर आते रहेंगे.
नशामुक्ति केंद्र में 17 लोगों की काउंसेलिंग
नशामुक्ति केंद्र द्वारा भी सहियार गांव में शिविर लगाया गया था. इस दौरान इस क्षेत्र में रहनेवाले 17 शराबियों की काउंसेलिंग कर उन्हें निशुल्क दवा दी गयी. जानकारी देते हुए नोडल पदाधिकारी डॉ कुमार महेंद्र प्रताप ने बताया कि पहले लोग तो इस काउंसेलिंग में नहीं आ रहे थे. जब उन्हें समझाया गया कि कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी, तो एक-एक कर 17 लोग जांच कराने के लिए पहुंचे. जांच के बाद उन्हें दवाइयां भी दी गयीं. इसके अलावे परिवरिश योजना के तहत सात लोगों को लाभ दिया गया, जिनके खाते में अब प्रतिमाह हजार रुपये प्राप्त होंगे. इसके अलावे डॉ रविरंजन, डाॅ शोभा रानी ने भी सैकड़ों ग्रामीणों का नि:शुल्क इलाज किया. वहीं रेडक्रॉस की तरफ से ग्रामीणों को कंबल दिया गया. सीआरपीएफ के सेवानिवृत महानिदेशक प्रणव सहाय ने इस क्षेत्र में रहनेवाले बच्चों के बीच पाठ्यसामग्री, स्कूल बैग का वितरण किया. इस मौके पर डाॅ निरंजय कुमार, रेडक्रॉस सचिव मनोज कुमार सिंह, रेउती रमण सहित अन्य उपस्थित थे.