औरंगाबाद नगर : पढ़ाई के साथ कमाई के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये कमाने वाले ड्यू सॉफ्ट नामक शिक्षण संस्थान में गुरुवार को डीइओ मो अलीम ने छापेमारी की. शिक्षण संस्थान चलाने से संबंधित कागजात नहीं दिखाने पर डीइओ ने पुलिस की मदद से संस्थान में रहे तीन कर्मियों को हिरासत में ले लिया. बाद में एक अन्य कर्मी को भी हिरासत में लिया गया. इसके बाद कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गयी.
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फर्जी शिक्षण संस्थान में छापा, चार कर्मी हिरासत में
औरंगाबाद नगर : पढ़ाई के साथ कमाई के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये कमाने वाले ड्यू सॉफ्ट नामक शिक्षण संस्थान में गुरुवार को डीइओ मो अलीम ने छापेमारी की. शिक्षण संस्थान चलाने से संबंधित कागजात नहीं दिखाने पर डीइओ ने पुलिस की मदद से संस्थान में रहे तीन कर्मियों को हिरासत में ले लिया. […]
डीइओ ने जब शिक्षण संस्थान चलाने से संबंधित कागजात की मांग की, तो वहां पर कार्यरत कर्मियों द्वारा किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं दिखाया गया. संस्थान के बारे में कोई सही जानकारी भी नहीं दी जा रही थी. इस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इसकी सूचना अनुमंडल पदाधिकारी को दी. एसडीओ ने तत्काल शिक्षण संस्थान चलाने वाले संचालक व कर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही.
यह संस्थान शिक्षा विभाग के कार्यालय से एक हजार मीटर की दूरी पर करीब डेढ़ साल से संचालित हो रहा था. कुछ छात्राओं ने शिकायत की थी कि संस्थान द्वारा गलत तरीके से 10 हजार रुपये वसूले जा रहे हैं. इसी शिकायत पर डीइओ मो अलीम ने नगर थाना की पुलिस के साथ छापेमारी की.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि जिस संस्थान में छापेमारी की गयी है, वह पूर्ण रूप से फर्जी है. भोले-भाले छात्र-छात्राओं को नौकरी व पढ़ाई का झांसा देकर प्रति छात्र 10 हजार रुपये लिया जा रहा था. संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिखित आवेदन नगर थाने की पुलिस को दिया गया है.
नगर थानाध्यक्ष एके साहा ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा लिखित आवेदन दिया गया है. पुलिस जांच कर रही है. फिलहाल चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फर्जी शिक्षण संस्थान का जाल बिछा हुआ है. ग्रामीण इलाके के बच्चों को चंगुल में फंसा कर उनका आर्थिक शोषण कर किया जाता है. इधर, संस्थान के कर्मियों का कहना है कि यह संस्था फर्जी नहीं है. बल्कि, दिल्ली से निबंधित है.
चेन सिस्टम के जरिये छात्रों को जोड़ कर लेते हैं रुपये
संस्थान द्वारा चेन सिस्टम बना कर छात्रों को जोड़ा जाता था और फिर रुपये ऐंठे जाते थे. पूछताछ के दौरान संस्थान के कर्मियों ने बताया कि एक छात्र से नामांकन शुल्क के रूप में 10 हजार रुपये लिये जाते हैं. इसके बाद एक छात्र को तीन नये छात्रों को लाने के लिए कहा जाता था और इसके बदले दो हजार रुपये दिया जाता था. इसी लालच में छात्र एक-दूसरे को फंसा कर यहां लाते थे.
किसी को संस्थान के अंदर नहीं थी जाने की इजाजत
ऑनलाइन कंप्यूटर क्लास कराने का दावा करने वाले संस्थान द्वारा गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाता था. संस्थान का मेन गेट हमेशा बंद रहता था. अनजान व नये चेहरे को अंदर जाने की इजाजत नहीं मिलती थी.
जब पुराने छात्र किसी नये छात्र-छात्राओं को फंसा कर संस्थान में ले जाते थे, तब संस्थान के अंदर प्रवेश मिलता था. पास-पड़ोस वालों को भी इस संस्थान के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं थी. लेकिन, छात्राओं की शिकायत पर जब छापेमारी हुई, तो पूरा खेल सामने उजागर हो गया.
पढ़ाई के साथ कमाई का झांसा देकर संस्थान ने कमाये लाखों रुपये
पढ़ाई के साथ कमाई का झांसा देकर संस्थान ने भोले-भाले छात्र-छात्राओं से लाखों रुपये की कमाई की. वर्तमान में इस संस्थान से 500 छात्र-छात्राएं जुड़े हुए हैं. प्रति छात्र 10 हजार रुपये संस्थान लेता था. इस हिसाब से देखा जाये, तो इनसे संस्थान ने झांसा देकर 50 लाख रुपये की काली कमाई छात्रों से कर ली. संस्थान जिस भवन में चलता था, उसके बाहर से अंदर तक तीन-चार तरह के संस्थान के नाम लिखे हुए थे. कई तरह के आकर्षक बोर्ड भी लगाये हुए थे, जिसे दिखा कर छात्र-छात्राओं को मोटिवेट किया जाता था और फिर पैसे वसूले जाते थे.
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