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नवीनगर : पढ़ाई के नाम पर हो रहा खिलवाड़ !
नवीनगर : शिक्षक को बच्चों का भविष्य निर्माता कहा जाता है. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सहारे शिक्षक बच्चों की तकदीर संवारते हैं, लेकिन जिस विद्यालय में शिक्षक ही न हो बच्चों के पढ़ाने का सिस्टम ही अपंग हो तो ऐसे में सहज ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त विद्यालय में शिक्षा ग्रहण […]
नवीनगर : शिक्षक को बच्चों का भविष्य निर्माता कहा जाता है. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सहारे शिक्षक बच्चों की तकदीर संवारते हैं, लेकिन जिस विद्यालय में शिक्षक ही न हो बच्चों के पढ़ाने का सिस्टम ही अपंग हो तो ऐसे में सहज ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का भविष्य कितना बेहतर होगा. कुछ ऐसा ही मामला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांडी का प्रकाश में आया है.
विद्यालय में न कोई संसाधन उपलब्ध है न ही लेबोरेटरी, कंप्यूटर, लाइब्रेरी का लाभ बच्चों को मिलता हैं.
यहां की दयनीय स्थिति को देख समझ कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि पढ़ाई के नाम पर यहां के बच्चों के भविष्य से किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा हैं. उच्च विद्यालय में एक भी शिक्षक न होने के कारण यहां आनेवाले बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रहा है.
शायद यही सब कारणों की वजह से सरकारी विद्यालयों के बजाय लोगों का रुझान निजी विद्यालयों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. बच्चे विद्यालय जाने के बजाय कोचिंग और ट्यूशन जाना ज्यादा पसंद करने लगे हैं और वे ऐसा करे भी क्यों नहीं सरकारी विद्यालय में सरकार बेहतर शिक्षा का दावा तो करती है पर हकीकत इससे कोसों दूर है.
उदाहरण के तौर पर कांडी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को ही ले लें. यहां आने वाले बच्चों की पढाई नगण्य है. जिस की चिंता किसी अधिकारियों को नहीं है. हैरान करने वाली बात तो यह है कि वर्ष 2014 में ही मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में परिणत किया गया है.
चार साल का समय अवधि बीत जाने के बाद भी यहां अब तक न तो एक भी शिक्षक और न ही चपरासी या रात्रि परहरी को ही पदस्थापित किया गया है, जिससे स्थानीय ग्रामीण अभिभावकों में आक्रोश व्यापत है. ग्रामीणों का कहना है की विद्यालय के बच्चे शिक्षा विभाग के निरंकुश अधिकारियों के कारण बेहतर शिक्षा से कोसों दूर हैं,जबकि यहां 60 से भी ज्यादा छात्रों का नामांकन है . मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि यही कारण है कि यहां बच्चों का नामांकन कम होने के साथ उपस्थिति भी कम होती है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक नरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा की जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी से कई बार शिक्षक भेजने एवं पर्याप्त व्यवस्था मुहैया कराने की मांग कर चुका हूं, पर अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है, ताकि विद्यालय में सामान्य शिक्षा बहाल हो.
क्या कहते है पदाधिकारी
इस संबंध में पूछने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी मो अलीम ने कहा कि जल्द ही वहां शिक्षकों को पदस्थापित किया जायेगा और पर्याप्त हर सभी संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे.
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