Bihar Politics: साल के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की आहट अब सुनाई देने लगी है. सभी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई है. महागठबंधन और एनडीए के नेता जहां जिले-जिले में जाकर सभाएं कर रहे हैं. वहीं, अब पिछले चुनाव में पांच सीट जीतने वाली एआईएमआईएम ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. इसी कड़ी में शुक्रवार देर शाम एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं. पार्टी के बिहार इकाई के प्रवक्ता आदिल हसन ने एक निजी चैनल से बातचीत में बताया है कि पार्टी इस बार सीमांचल के करीब 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
किशनगंज में जनसभा को संबोधित करेंगे ओवैसी
आदिल हसन ने बताया कि असदुद्दीन ओवैसी शुक्रवार शाम मुस्लिम बहुल सीमांचल के किशनगंज पहुंचेंगे. यहां वह चुनाव की तैयारी को लेकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. रात में वह किशनगंज में ही रहेंगे और शनिवार को बहादुरगंज में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद दरभंगा जाएंगे. वह दरभंगा से ही मोतिहारी चले जाएंगे. मोतिहारी में रात्रि विश्राम करेंगे. चार मई को मोतिहारी के ढाका में रैली को संबोधित करेंगे. उसके बाद रविवार (04 मई) को गोपालगंज जाएंगे. वहां पर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. गोपालगंज से रविवार को ही गोरखपुर के लिए निकल जाएंगे.
2020 के चुनाव में महागठबंधन को लगा था झटका
बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले बताते हैं कि बिहार के मुस्लिम बहुल क्षेत्र (किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार), मगध, मिथिलांच पर ओवैसी की पार्टी ने ठीक पकड़ बना ली है. इसका असर 2020 के विधानसभा चुनाव में भी दिखा था. उस चुनाव में एआईएमआईएम ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उनमें से 5 सीटों पर जीत हासिल की थी. कई सीटों पर आरजेडी के उम्मीदवारों की हार का कारण भी ओवैसी के उम्मीदवारों को माना गया था. ऐसे में ओवैसी का यह दौरा अहम माना जा रहा है.

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बिहार में 2 करोड़ से ज्यादा है मुस्लिम मतदाता
बिहार में 2023 में हुई जातीय जनगणना के अनुसार, राज्य की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 17.7% है. इसका मतलब है कि बिहार में लगभग 2.31 करोड़ मुसलमान रहते हैं. यह आंकड़ा 2011 की जनगणना से लगभग 55 लाख अधिक है, जब मुसलमानों की आबादी 16.9% थी.