अरवल ग्रामीण : जिला मुख्यालय अवस्थित इंटर स्तरीय बालिका उच्च विद्यालय में विधवा, विधुर की दशा विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य राजदेव राम ने दीप प्रज्जवलित कर किया. सेमिनार को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि पूर्व काल में विधवा होने पर सती प्रथा के तहत
पति के साथ पत्नी को भी सति होना पड़ता था. लेकिन राजाराम मोहन राय, दयानंद सरस्वती के अलावे अन्य समाज सुधारकों ने इस दिशा में पहल कर प्रथा को समाप्त करने के लिए आंदोलन चलाया. जिसका परिणाम आज सामने है. लेकिन पति के स्वर्गवास होने के बाद असहाय हो जाती है ओर अपने जीवन यापन के लिए दूसरों पर आश्रित हो जाती है. इसके लिए सरकार से मांग किया गया कि सरकार ऐसे लोगों के लिए कोई ठोस पहल करें ताकि इनका जीवन यापन सही तरीके से हो सके.
साथ हीं अपने बच्चों का भरण पोषण कर उचित शिक्षा दिला सके. वक्ताओं ने सरकार से मांग किया कि बाल दिवस के तर्ज पर विधवा दिवस, पुर्नविवाह करने पर एक लाख प्रोत्साहन राशि देने, विधवाओं को प्रति माह पांच हजार रूपये पेंशन देने की मांग किया. विधवा के बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर आवासीय विद्यालय में नामांकन कराने की भी मांग की गयी.