कलेर : जिस मां-बाप का इंतजार अपने बेटे को बड़े ऑफिसर के रूप में देखने की होती है, उस बेटा का शव एकाएक गांव में आने के बाद मां-बाप की स्थिति तो बिगड़ी ही है. साथ ही गांव में भी कोहराम मच गया. गौरतलब हो कि परासी थाना क्षेत्र के कामता गांव निवासी अखिलेश सिंह एक निजी कोचिंग सेंटर में अपने दोनों बच्चों को पटना में पढ़ाया करते थे. सोच यह भी थी कि एक गरीब किसान का बेटा बड़ा आदमी बनकर अपने गांव का नाम रोशन करेगा.
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सुसाइड नोट लिख कर ली आत्महत्या,घर की आर्थिक तंगी से परेशान रहता था प्रभात
कलेर : जिस मां-बाप का इंतजार अपने बेटे को बड़े ऑफिसर के रूप में देखने की होती है, उस बेटा का शव एकाएक गांव में आने के बाद मां-बाप की स्थिति तो बिगड़ी ही है. साथ ही गांव में भी कोहराम मच गया. गौरतलब हो कि परासी थाना क्षेत्र के कामता गांव निवासी अखिलेश सिंह […]
पिता ने बताया कि मेरे दोनों बेटे प्रभात और प्रिंस पटना में एक साथ रहकर पढ़ाई करते थे. प्रभात बीपीएससी की तैयारी करता था. बीते सप्ताह ही दोनों होली में अपने घर पर भी आये थे और होली बाद प्रभात अकेला चला गया.
वहां जाकर उसने आत्महत्या कर ली. आत्महत्या के पूर्व उसने एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने घर की आर्थिक तंगी का हवाला आत्महत्या के लिए दिया. मृतक पढ़ने में काफी मेधावी था. वह बीपीएससी की तैयारी पटना में रहकर करता था.
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