बड़हरा
. प्रखंड अंतर्गत फारना पंचायत के बाड़कालौहर गांव में मां काली एवं श्रीग्राम देवी प्रतिष्ठा सतचंडी यज्ञ को लेकर मंगलवार को जलभरी यात्रा निकाली गयी. यह यात्रा मंदिर परिसर से शुरू हुई, जिसमें करीब हजारों से अधिक श्रद्धालु सुसज्जित होकर सिर पर कलश लिए गाजे-बाजे के साथ निकले. करीब एक किलोमीटर की लाइन में श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए हाइ स्कूल बिराहिंमपुर करजा होते हुए चार किलोमीटर की दूरी तय कर आरा-बड़हरा रोड के फारना सूर्यमंदिर तालाब पहुंचे, जहां तालाब में स्नान कर कलश में जल लेकर वैदिक मंत्रोच्चार से कलश में जलभरी किया. उसके पश्चात सभी श्रद्धालु पुनः वाहन व पैदल चलकर मंदिर परिसर में पहुंचकर कलश को स्थापित किया. यज्ञ का आयोजन 22 अप्रैल से प्रारंभ होकर 26 अप्रैल 2025 तक चलेगा. 22 अप्रैल जल यात्रा, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, आवाहन पूजन व चंडी पाठ, 23 अप्रैल को देवी पूजन एवं अरणी मंथन व हवन, 24 को पूजन, हवन,पाठ,नगर भ्रमण,25 को पूजन, हवन, पाठ एवं प्राण प्रतिष्ठा,26 को पूजन,हवन, पूर्णाहुति व भंडारे का आयोजन किया जायेगा. यह महायज्ञ आचार्य उषाकांत तिवारी के सानिध्य में किया जा रहा है. इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में जुटने का अनुमान है. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर झूला, चरखी समेत बड़ी दुकानें सजने लगी हैं.बड़हरा. प्रखंड अंतर्गत फारना पंचायत के बाड़कालौहर गांव में मां काली एवं श्रीग्राम देवी प्रतिष्ठा सतचंडी यज्ञ को लेकर मंगलवार को जलभरी यात्रा निकाली गयी. यह यात्रा मंदिर परिसर से शुरू हुई, जिसमें करीब हजारों से अधिक श्रद्धालु सुसज्जित होकर सिर पर कलश लिए गाजे-बाजे के साथ निकले. करीब एक किलोमीटर की लाइन में श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए हाइ स्कूल बिराहिंमपुर करजा होते हुए चार किलोमीटर की दूरी तय कर आरा-बड़हरा रोड के फारना सूर्यमंदिर तालाब पहुंचे, जहां तालाब में स्नान कर कलश में जल लेकर वैदिक मंत्रोच्चार से कलश में जलभरी किया. उसके पश्चात सभी श्रद्धालु पुनः वाहन व पैदल चलकर मंदिर परिसर में पहुंचकर कलश को स्थापित किया. यज्ञ का आयोजन 22 अप्रैल से प्रारंभ होकर 26 अप्रैल 2025 तक चलेगा. 22 अप्रैल जल यात्रा, पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश, आवाहन पूजन व चंडी पाठ, 23 अप्रैल को देवी पूजन एवं अरणी मंथन व हवन, 24 को पूजन, हवन,पाठ,नगर भ्रमण,25 को पूजन, हवन, पाठ एवं प्राण प्रतिष्ठा,26 को पूजन,हवन, पूर्णाहुति व भंडारे का आयोजन किया जायेगा. यह महायज्ञ आचार्य उषाकांत तिवारी के सानिध्य में किया जा रहा है. इस मंदिर को देखने के लिए भारी संख्या में जुटने का अनुमान है. प्राण प्रतिष्ठा को लेकर झूला, चरखी समेत बड़ी दुकानें सजने लगी हैं.
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