आरा.
1857 के महान योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के पुराने परिसर में कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जीराे माइल स्थित विवि के नये परिसर में प्रशासनिक भवन के सामने स्थापित की गयी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर विश्वविद्यालय का नया परिसर में खूब सजाया गया था. विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार से ही कार्यक्रम की झलक दिख रही थी. विवि के अधिकारी से लेकर कर्मचारियों की भीड़ जुटी थी. लोगों में प्रतिमा को देखने एवं सेल्फी लेने का उत्साह था.कुलपति ने पूजा पाठ के उपरांत प्रतिमा का किया लोकार्पण
विवि के कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बुधवार की दोपहर में पंडित जी के मंत्रोच्चार के दौरान प्रशासनिक भवन के सामने वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ देश की आजादी के लिए 1857 की लड़ाई को स्वतंत्रता का पहला आंदोलन भी कहा जाता है. जगदीशपुर के बाबू वीर कुंवर सिंह इस आंदोलन के महानायक थे. 80 साल की उम्र में उन्होंने खुद सेनापति बनकर भारतीय सैनिकों के साथ मैदान-ए-जंग में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे. लाख कोशिश के बावजूद भोजपुर लंबे समय तक स्वतंत्र रहा. वीर कुंवर सिंह ने आरा जेल को तोड़कर कैदियों को मुक्त कराया और खजाने पर कब्जा जमाया. आरा के जगदीशपुर में 17 नवंबर, 1777 को जन्मे वीर कुंवर सिंह को इतिहास में 80 साल की उम्र में दुश्मनों से लड़ने और जीत हासिल करने के जज्बे के लिए जाना जाता है.
अधिकारी से लेकर कर्मचारी भी हुए शामिल
नूतन परिसर में बाबू कुंवर सिंह की जयंती पर विवि के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने नमन किया. जयंती के अवसर पर कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी के अलावे कुलसचिव प्रो रणविजय, सीनेट सदस्य संतोष तिवारी, सीनेटर बलराज ठाकुर, डीन अवध बिहारी सिंह, प्रो केके सिंह, डॉ प्रो आनंद भूषण पांडेय, डॉ धीरेंद्र सिंह, प्रो कुंदन सिंह, प्रो फलहारी,तो वही विवि के कर्मचारियों में अभिजीत कुमार, अभिमन्यु सिंह समेत अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

