सहार
. धान के कटोरा नाम से प्रसिद्ध सहार प्रखंड क्षेत्र के किसानों की खेती नहर पर निर्भर है, जिससे हजारों घरों की रोजी रोटी चलती है. अब जहां रोहणी नक्षत्र के शुरू होने के बाद भी नहर पानी के अभाव में सूखी पड़ी हुई है और नहर में कार्य धीमी गति से चलने के कारण अभी पानी नहर में उपलब्ध होने की संभावना नहीं है. वहीं, दूसरी तरफ नहर ही सिंचाई के मुख्य साधन होने के बाद भी नहर उड़ाही में प्रशासन के उदासीन रवैया के कारण संवेदक के द्वारा मानक के अनुरूप उड़ाही नहीं किया जा रहा है, जिससे किसानों में प्रशासन के प्रति आक्रोश है, जो कभी भी प्रदर्शन का रूप ले सकता है. सूत्रों की मानें, तो हरपुर लख से कोशिहान तक 42 किलोमीटर कोईलवर रजवाहा की उड़ाही के लिए सरकार के द्वारा लगभग 10 करोड़ में टेंडर दिया गया है, जिसमें नहर उड़ाही के साथ-साथ पुल-पुलिया और चेक डेम बनाना है. जहां नहर उड़ाही के दौरान हरपुर लख से शंकर टोला तक नीचे बॉटम में 6.7 मीटर और ऊपर टॉप 14.1 मीटर तथा शंकर टोला से कोशिहान तक नीचे बॉटम में 6.25 मीटर तथा टॉप में 12.25 मीटर की चौड़ाई में मिट्टी की कटिंग करनी है, जिससे कि नहर में स्लोप हो सकें और अचानक जीव जंतु के गिरने पर आसानी से उन्हें निकाला जा सके. वहीं, नहर उड़ाही के दौरान निकली हुई मिट्टी को तटबंध पर ड्रेसिंग करने तथा ज्यादा मिट्टी कहीं से निकलने पर उसको खाली जगह भर कर ड्रेसिंग करने के निर्देश निर्गत है, लेकिन प्रशासन की उदासीनता कहें या फिर मिली भगत कहें, जिसके कारण एक तो मानक के अनुरूप मिट्टी के कटाव नहीं किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ मिट्टी अटपटे ढंग से रखी गयी है, जो हल्की बारिश होने के बाद पुनः नहर में ही गिरेगी. सहार बस पड़ाव से नवीन टोला तक नहर उड़ाही के दौरान मिट्टी को लिंक रोड़ के किनारे रखा गया है, जहां बारिश के दिनों में मिट्टी सड़क पर पसर जायेगी,जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाने वाले मरीजों, प्लस टू उच्च विद्यालय में जाने वाले छात्रों एवं नवीन टोला तथा कोरन डिहरी के ग्रामीणों को आने जाने में परेशानियों की सामना करनी पड़ेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है