आरा. जिला पदाधिकारी तनय सुल्तानिया के निर्देशानुसार दो जून को राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ), भोजपुर की टीम द्वारा बरहरा अंचल अंतर्गत प्लस टू उच्च विद्यालय, मोहनपुर कर्जा में बाढ़ से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम एवं मॉकड्रिल का सफल आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संभावित बाढ़ आपदा से पूर्व आम नागरिकों, विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों को सतर्क और जागरूक बनाना था. मॉकड्रिल के माध्यम से एसडीआरएफ टीम ने आपातकालीन परिस्थितियों में अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं जैसे सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार, बचाव उपायों तथा संसाधनों के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम के दौरान टीम ने लाइव डेमो के माध्यम से बाढ़ के समय उत्पन्न परिस्थितियों का सजीव चित्रण किया और यह भी बताया कि स्थानीय स्तर पर सीमित संसाधनों के बावजूद किस प्रकार प्रभावी राहत एवं बचाव कार्य किया जा सकता है. इस अवसर पर स्थानीय नागरिकों, विद्यालय परिवार एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों की सक्रिय सहभागिता रही, जिसने कार्यक्रम को और भी प्रभावशाली बना दिया. जिला प्रशासन भोजपुर द्वारा ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को जिले के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी चरणबद्ध रूप से आयोजित किये जाने की योजना बनायी गयी है, ताकि आपदा की स्थिति में आमजन भयभीत होने के बजाय सजग और प्रभावी रूप से प्रतिक्रिया दे सकें.
बिहिया में सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण कार्यक्रम
बिहिया अंचल में सुरक्षित तैराकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.यह कार्यक्रम बाढ़ संभावित क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं एवं स्कूली बच्चों को जल सुरक्षा, तैराकी के मूल कौशल तथा आपातकालीन परिस्थितियों में आत्मरक्षा हेतु जागरूक और प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. कार्यक्रम के दौरान एसडीआरएफ एवं स्थानीय प्रशिक्षकों की देखरेख में प्रतिभागियों को सुरक्षित तैराकी के तरीकों, जल में संतुलन बनाए रखने की विधियों एवं बचाव उपकरणों के उचित उपयोग का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया. इस अवसर पर लाइफ जैकेट, ट्यूब, रस्सी आदि बचाव संसाधनों का प्रदर्शन भी किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में अंचलाधिकारी बिहिया, संबंधित पंचायत प्रतिनिधि, विद्यालयों के शिक्षक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे बाढ़ पूर्व समुदाय-स्तर की तैयारी का एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया. जिला प्रशासन द्वारा ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को जिले के अन्य अंचलों में भी विस्तारित किए जाने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक लोग बाढ़ जैसी आपदाओं के समय सुरक्षित, सतर्क एवं प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम हो सकें.
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