प्रतिनिधि, अररिया बिहार लोकल बॉडीज इंप्लॉइज फेडरेशन के बैनर तले नगर परिषद में कार्य कर रहे सफाई कर्मियों ने संघ के जिलाध्यक्ष पवन मल्लिक के नेतृत्व में अररिया नप इओ चंद्र राज प्रकाश से मिलकर एक शिष्टमंडल ने आवेदन देकर सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा बंद करने की मांग की है. सफाई कर्मियों द्वारा कार्यपालक पदाधिकारी को दिये गये आवेदन में बताया है कि वे लोग गत 20- 25 वर्षों से पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ नगर परिषद क्षेत्र के 29 वार्ड की साफ सफाई का कार्य करीब 275 लोग मिलकर करते आ रहे हैं. एक साजिश के तहत सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा लागू कर गत 20-25 वर्षों से कार्यरत सफाई कर्मियों का शोषण किया जा रहा है. उक्त बात की जानकारी बुधवार की दोपहर 03 बजे के करीब सफाई कर्मचारी संघ के नव निर्वाचित जिलाध्यक्ष पवन मल्लिक ने दी. वहीं संघ के अन्य सदस्यों ने बताया कि इसमें ठेकेदारी प्रथा लागू करना, मजदूर व संघ के हित में अच्छा नहीं है. उन्होंने बताया कि नगर आवास व विकास विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट यह लिखा गया है कि ठोस अवशिष्ट प्रबंधन में एनयूएमएल के तहत गठित स्वयं सहायता समूह के महिला से ही कार्य लेना है. ना कि कार्यरत कर्मियों को हटाकर ठेकेदार के माध्यम से कार्य लेना है. वहीं सफाई कर्मियों ने बताया कि जानकारी के मुताबिक नगर परिषद अंतर्गत 29 वार्ड में कार्यरत करीब 275 कर्मियों के मासिक मानदेय में कुल 28 लाख रुपये खर्च होते हैं. जबकि इसी कार्य को ठेकेदारी प्रथा में करवाने के लिए नगर परिषद कुल 55 लाख रुपये प्रति माह खर्च करने के लिए तैयार है. यदि ऐसा है तो कही से भी यह कृत वैधानिक प्रतीत नहीं होता है. सफाई कर्मी संघ ने नप इओ को आवेदन देकर सभी बिंदुओं पर विचार विमर्श करने को कहा है. साथ ही कहा गया है कि यदि निविदा रद्द नहीं की जाती है तो संघ के सभी सदस्य आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेवारी नगर परिषद प्रशासन की होगी.
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