-10-प्रतिनिधि, अररिया शनिवार को न्यायमंडल स्थित फैमिली जज के प्रकोष्ठ में सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी की बैठक बुलाई गयी. बैठक की अध्यक्षता फैमिली जज सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी के अध्यक्ष अविनाश कुमार टू ने की. फैमिली जज अविनाश कुमार टू ने कहा कि मुकदमेबाज को किसी भी प्रकार के वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रुख करने से फायदा ही मिलेगा. इसलिए वादों के निपटारे के लिए मध्यस्थता का रुख जरूरी है. इसके लिए मुकदमाओं में समझौता के लिए मुकदमेबाज को मध्यस्थता का रुख करने की सलाह दी गयी. बताया गया कि न्यायालयों में जितनी तेजी से मुकदमा हो रहे हैं. उतनी तेजी से उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है. इससे न्यायालय में मुकदमाओं की बढ़ोतरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. मुकदमाओं के इस बोझ को कम करने में मध्यस्थता काफी हद तक सहयोगी सिद्ध हो रहा है. फैमिली जज अविनाश कुमार टू ने कहा कि प्रि-लिटिगेशन का मामला सर्वप्रथम फ्रंट ऑफिस में ही आता है. वहां पर प्रतिनियुक्त पैनल अधिवक्ता व पीएलवी का यह कर्तव्य हो जाता है. उन सभी मामलों को मेडिएशन सेंटर में निश्चित रूप से भेजवाएं. ताकि मुकदमा होने से पूर्व समझौता के आलोक में प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता प्रि-लिटिगेशन मामलों का निपटारा करवा सके. इस दौरान कई निर्णय लिए गये. मुंसिफ सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी कर जॉइंट सेक्रेटरी सह जज इंचार्ज उदयवीर सिंह ने भी बताया कि प्रि-लिटिगेशन के तहत पक्षकार औपचारिक मुकदमा दायर किये बिना समाधान मिल बैठकर चर्चा कर विवादों को सुलझा सकते हैं. मौके पर पीपी लक्ष्मीनारायण यादव, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष तपन कुमार बनर्जी, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार पांडेय, मेडिएशन सेंटर के प्रशिक्षित मध्यस्थ अधिवक्ता सह सुपरवाइजरी सह मेडिएशन कमेटी के सदस्य कुमारी वीना, विनीत प्रकाश, नीरज प्रसाद मौजूद थे.
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