सिकटी. वातावरण में तेजी से हो रहे बदलाव व समय से पूर्व मौसम के अत्यधिक गर्म होने से छोटे उम्र के बच्चों को खतरनाक बीमारियों का खतरा उत्पन्न होने लगा है. जिसमे चमकी बुखार भी शामिल हैं. यह एक खतरनाक बीमारी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकटी द्वारा चमकी बुखार को देखते हुए दो अलग से दो शय्या का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जानकारी देते प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजमत राणा ने बताया कि चमकी बुखार बहुत ही खतरनाक किस्म की बीमारी है. यह आम तौर अधिक गर्मी व अन्य कारणों से छोटी उम्र के बच्चों पर अधिक असर करती है. 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के इस बीमारी से ज्यादा ग्रसित होने की संभावना होती है. स्वास्थ्य विभाग इस बिमारी को लेकर पूरी तरह से सावधानी बरत रहा है. आगे उन्होंने बताया कि इस तरह के रोगियों को जितनी जल्द हो सके. नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाये. अस्पताल ले जाते समय रोगी को हिलाये-डुलाये नहीं. अस्पताल ले जाते वक्त भी पूरी एहतियात बरतें. इस तरह के रोगियों को एक तरफ करवट करके ले जाना चाहिए. प्रभारी चिकित्सक की माने तो चमकी न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है. यह बीमारी आमतौर पर वायरल संक्रमण बैक्टीरियल संक्रमण या कभी-कभी शरीर में मौजूद विषैले तत्वों (टॉक्सिन्स) के कारण होती है. इससे मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. मरीज के अस्पताल लाने के समय एंबुलेंस पर तैनात ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) व चालकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है.सही समय पर सही तरीके से मरीज को अस्पताल लाना ही जान बचाने का पहला कदम है. उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे में बुखार के साथ अचानक बेहोशी, दौरे, मानसिक स्थिति में बदलाव या कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत अस्पताल लाना चाहिये. चमकी बुखार से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिये. बच्चों को गंदगी से दूर रखें, उबला हुआ पानी पिलाएं, समय-समय पर हाथ धोने की आदत डालें व मच्छरों से बचाव के उपाय करें.
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