अररिया. बिहार समेत देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. राजधानी पटना में संक्रमण के दो मामले सामने आने के बाद राज्यस्तर से जारी अलर्ट के बाद जिला स्वास्थ्य समिति संभावित मामलों की जांच, इलाज व नियमित निगरानी संबंधी इंतजाम को सक्रिय व प्रभावी बनाने संबंधी प्रयासों में जुट गया है. डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग संभावित किसी भी खतरे से निबटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है. स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को इसे लेकर सेंशेटाइज किया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त दिशा निर्देशों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित कराने की पहल की जा रही है.
जल्द शुरू होगा फारबिसगंज स्थित ऑक्सीजन प्लांट
जिला अस्पताल में पूर्व से 25 बेड क्षमता वाला स्पेशल वार्ड सुरक्षित है, तो अस्पताल परिसर में 600 एलएमपी व 200 एलएमपी वाला दो ऑक्सीजन प्लांट सफलता पूर्वक संचालित है. वहीं फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल में बने 500 एलएमपी क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट को संचालित करने की कवायद भी तेज हो चुकी है. मॉडल अस्पताल के 100 से अधिक बेड तक सीधे ऑक्सीजन सप्लाई का इंतजाम पूर्व से उपलब्ध है.बंद जांच की सुविधा, होगी जल्द बहाल
लंबे समय से कोरोना संबंधी कोई मामला सामने नहीं आने के कारण फिलहाल जिले में कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है. लेकिन संक्रमण का मामला फिर से सामने आने के बाद जांच किट से लेकर अन्य जरूरी इंतजाम सुनिश्चित कराने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग जरूरी पहल कर रहा है. इसे लेकर जांच किट व अन्य जरूरी प्रसाधन उपलब्ध कराने की मांग विभाग से की गयी है.स्वास्थ्य विभाग संभावित खतरों के प्रति बेहद संवेदनशील
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि कोरोना संबंधी मामलों को लेकर अभी ज्यादा पैनिक होने की कोई जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य विभाग संभावित खतरों के प्रति बेहद संवेदनशील है. इसे लेकर किसी तरह की कोई चिंता करने की जगह हमें अपने स्तर से एहतियाती कदम उठाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. हाथों की नियमित सफाई, व्यक्तिगत दूरी, मास्क का उपयोग जैसे साधारण उपायों से हम संक्रमण के खतरों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है