अररिया व्यवहार न्यायालय ने 14 साल पुराने आचार संहिता मामले में सुनाया फैसला अररिया. अररिया व्यवहार न्यायालय ने कांग्रेस नेता शकील अहमद खान को 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन के मामले में जमानत दे दी है. यह जमानत आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में न्यायमंडल अररिया के फर्स्ट क्लास ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट शादाब समर गौस ने जीआर मुकदमा संख्या 622/2009 में दिया है. गौस ने कांग्रेसी नेता शकील अहमद खान की जमानत स्वीकृत करते हुए उन्हें निर्देशित किया है कि अगली तीन तिथियों तक सदेह न्यायालय में उपस्थित होकर उचित पैरवी करें. अन्यथा आदेश का अनुपालन नहीं करने पर जमानत बंध पत्र खंडित कर दिया जायेगा. कोर्ट के एपीओ अनुभव त्यागी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में कांग्रेस के वरीय नेता शकील अहमद खान व अन्य 300 से 350 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अररिया ने अररिया थाना कांड 141/2009 दिनांक 07 अप्रैल 2009 को दर्ज कराया गया था. मामले में कांग्रेस नेता के विरुद्ध केस आइओ ने चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट दाखिल होने के बाद न्यायाधीश ने कांग्रेस नेता के विरुद्ध 06 नवंबर 2009 को संज्ञान लेते हुए न्यायालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भेजवाया. कांग्रेस नेता के अधिवक्ता ने 06 अगस्त 2011 को पुलिस पेपर रिसीव किया था. जिसके बाद कांग्रेस नेता शकील अहमद खान न्यायालय में उपस्थित होकर सारांश के बिंदु पर अपने आप को निर्दोष बताया व ट्रायल की मांग की थी. साक्ष्य के बिंदु पर दिनांक 17 फरवरी 2025 को लंबित चल रहे मामले में पुकार पर कांग्रेस नेता शकील अहमद खान अनुपस्थित पाये गये. जिस कारण कांग्रेस नेता शकील अहमद खान का जमानत बंध पत्र खंडित कर दिया गया था.
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