सांसद ने दिलाया निर्माण तेज कराने का भरोसा
भरगामा. भरगामा प्रखंड के लोगों का दशकों पुराना रेल सेवा से जुड़ने का सपना अब पूरी तरह अधर में लटका हुआ दिख रहा है. आजादी के सात दशक बाद जब अररिया-सुपौल नयी रेल लाइन परियोजना का कार्य भरगामा क्षेत्र में शुरू हुआ, तो लोगों को लगा कि अब उनका सपना साकार होने वाला है. भूमि चिन्हित, खेसरा सत्यापन व मिट्टी भराई की शुरुआत होने से ग्रामीणों का उत्साह चरम पर था, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी. ग्रामीणों के अनुसार, छह माह से निर्माण कार्य धीमा पड़ गया है. कई स्थानों पर तो मिट्टी भराई का काम पूरी तरह बंद है. निर्माण की कछुआ गति व बीच में काम रुक जाने से लोगों में भारी निराशा है. ग्रामीणों का कहना है कि जिस रेल लाइन के लिए वर्षों से संघर्ष करते रहे. उसके भविष्य को लेकर अब संदेह पैदा हो गया है.ग्रामीणों ने जतायी नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण एजेंसी द्वारा समय-समय पर मशीनरी हटाने व मजदूरों की कमी के कारण कार्य लगातार प्रभावित हो रहा है. कई जगहों पर आधी अधूरी मिट्टी भराई लंबे समय से यूं ही पड़ी है. इससे प्रतीत होता है कि कार्य पूरी तरह ठप हो चुका है. ग्रामीणों ने आशंका जतायी कि अगर यही स्थिति रही, तो तय समय में रेल लाइन का बन पाना मुश्किल हो जाएगा.छह मौजों से होकर गुजरेगी रेल लाइन
मिली जानकारी के अनुसार, अररिया-सुपौल रेल लाइन जिस मार्ग से होकर गुजरेगी. उसमें भरगामा प्रखंड के 06 महत्वपूर्ण मौजा शामिल हैं. खुटहा, खजुरी मिलिक, चौरा, सुकेला, भरगामा व मानुलहपट्टी. इन गांवों के किसान अपनी भूमि रेलवे को दे चुके हैं. अब परियोजना की प्रगति पर नजरें टिकाये हुए हैं.
कहते हैं सांसद
निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जायेगा. रेल मंत्री से संबंधित एजेंसी से बात कर यह देखा जायेगा कि कहां त्रुटि आ रही है. इसके साथ हीं निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर किया जायेगा.
प्रदीप कुमार सिंह, सांसद, अररियाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

