सिकटी. प्रखंड क्षेत्र के खोरगाछ पंचायत स्थित कालीचौक जलखरीद से औलाबाड़ी तक सड़क निर्माण ग्रामीणों के लिए सपना ही बन कर रह गया है. तत्कालीन सांसद मो तसलीमुद्दीन द्वारा इस सड़क व पुल का शिलान्यास किया गया था. लेकिन वर्ष 2007-08 में नूना नदी की नयी धारा बनने के कारण आधा दर्जन अधिक गांव मुख्य रास्ते से वंचित हो गये. तब से लेकर आज तक न तो सड़क का कार्य ही पूरा हो सका और ना ही नूना पर पुल ही बन सका. लिहाजा आसपास के दर्जनों गांव के लोग बारिश के दिनों में भगवान भरोसे जीवन यापन करने पर विवश हैं. बाढ़ के दिनों में यह गांव किसी टापू में तब्दील हो जाता है.
बोले ग्रामीण
खोरगाछ पंचायत के वार्ड संख्या 13 व 14 के ग्रामीण समीर उद्दीन इस्लामी, सोहराब अली आसरी अब्दुल बसीर, हबीबुर्रहमान, अब्दुल वदूद, अब्दुल बारीक ,जाकिर हुसैन, मो अफ्फान, बेलाल अहमद, मो निजाम, जहांगीर, कफिल, फारूक सहित दर्ज़नों लोगों ने बताया कि वर्ष 2007 से पूर्व इस गांव व टोले से आवागमन के लिए एक कच्चा व पगडंडीनुमा रास्ता हुआ करता था. वर्ष 2007 में ही तत्कालीन सांसद मो तसलीमुद्दीन द्वारा खोरगाछ के कालीचौक स्थित जलखरीद से बगुलाडांगी लॉकडाउन चौक होते हुए औलाबाड़ी तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने बाली सड़क का शिलान्यास किया गया था. इसमें जलखरीद से बगुलाडांगी तक सड़क निर्माण हुआ भी, इस बीच नूना की नयी धारा बन जाने के कारण काम बंद हो गया, जो आज तक शुरू नहीं हो सका. इधर नूना में आयी बाढ़ के कारण फसलों को हुई क्षति का जायजा लेने के लिए पहुंचे राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल से मिल कर ग्रामीणों ने संबंधित समस्या के प्रति उनका ध्यान आकृष्ट कराया.
संबंधित मामले में अधिकारियों से बातचीत कर मंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि सड़क की मापी कर डीपीआर तैयार करने भेजा गया है. टेंडर के उपरांत कार्य आरंभ होने का भरोसा उन्होंने ग्रामीणों को दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है