Aaj Bihar ka Mausam: पटना मौसम विभाग का कहना है कि बिहार में अब बारिश की गतिविधियां बेहद कमजोर हो गई हैं. सुबह-सुबह हल्की सिहरन का अहसास लोगों को ठिठुरन की ओर ले जा रहा है. वहीं दिन चढ़ते ही सूरज की तपिश पसीने छुड़ाने लगती है. यह अजीब सा मौसम संकेत दे रहा है कि इस साल की सर्दी बेहद कड़ाके की होगी.
मौसम वैज्ञानिकों का साफ अनुमान है कि ला नीना के असर से अक्टूबर से दिसंबर के बीच ठिठुरन अपने चरम पर होगी और मैदानी इलाकों में पाला भी पहले से कहीं ज्यादा पड़ेगा.
बारिश थमी, गर्मी और ठंड की दोहरी मार
पिछले दो दिनों से पटना और आसपास बारिश गायब है. सोमवार को भी मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहा. सिर्फ पूर्णिया में ही झमाझम बारिश हुई, जहां 26.5 मिमी पानी दर्ज किया गया. इसके अलावा बाकी जिलों में आसमान सूना रहा. पटना में बारिश रुकते ही पारा 34 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. मोतिहारी में तो तापमान और ऊपर चढ़ गया, यहां अधिकतम पारा 36.6 डिग्री दर्ज किया गया.
गर्मी का यह आलम दिन में पसीने छुड़ाता है, वहीं सुबह और रात के समय हल्की ठंडक लोगों को सिहरन का एहसास कराने लगी है.
मानसून का वक्त खत्म, लेकिन बरसा नहीं पूरा
बिहार से मानसून के विदा होने में अब सिर्फ आठ दिन बचे हैं. इसके बावजूद बारिश का हाल काफी मायूस करने वाला है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, अभी तक राज्य में 28 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है. सामान्य स्थिति में अब तक 938.6 मिमी पानी गिरना चाहिए था, लेकिन हकीकत में सिर्फ 676.3 मिमी ही बरसा.
कुछ जिलों का हाल तो और भी चिंताजनक है. सीतामढ़ी में बारिश 53 प्रतिशत तक कम रही है. सहरसा और पूर्वी चंपारण में यह कमी 51 प्रतिशत रही, जबकि पूर्णिया में 49 और मधेपुरा में 48 प्रतिशत बारिश कम हुई.
ला नीना लाएगा कड़ाके की ठंड
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल की ठंड सामान्य से कहीं ज्यादा कठोर होगी. इसका सबसे बड़ा कारण है ला नीना. यह समुद्र की ठंडी धाराओं से जुड़ा एक मौसमी सिस्टम है, जो पूरी दुनिया के मौसम को प्रभावित करता है. इसके असर से एशियाई देशों में ठंड ज्यादा महसूस की जाती है.
पटना मौसम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि अक्टूबर से दिसंबर तक मैदानी इलाकों में पाले के दिन सामान्य से ज्यादा होंगे. इसका सीधा असर खेती-बाड़ी और रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ेगा. किसानों को खास एहतियात बरतने की सलाह दी गई है.
कोहरे के साथ शुरू होगा सफर
बिहार में सुबह-सुबह हल्के कोहरे की चादर दिखने लगी है. यह संकेत है कि अब ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है. ग्रामीण इलाकों की सुबह सिहरन वाली हो चुकी है. दिन में भले ही पारा 37 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ रहा हो, लेकिन रात का मौसम अब सुहावना और हल्का ठंडा होता जा रहा है.
मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कोहरे की परत और गाढ़ी होगी. दिसंबर-जनवरी में तो स्थिति और विकट हो सकती है.
आगे क्या होगा बिहार के मौसम का हाल
23 सितंबर यानी आज के लिए मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि बिहार के ज्यादातर हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा. बारिश की संभावना बेहद कम है. हालांकि, बंगाल की खाड़ी में 25 सितंबर को एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना जताई गई है. इससे राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है.
लेकिन कुल मिलाकर बारिश का यह नया दौर भी कमजोर ही रहेगा. यानी आने वाले दिनों में पसीने और सिहरन का यह खेल जारी रहेगा. बुधवार तक तो गर्मी और ज्यादा परेशान कर सकती है.
ठंड की दस्तक, सावधान रहने का वक्त
फिलहाल बिहारवासी दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं—दिन में गर्मी और सुबह-शाम की ठंडक. लेकिन असली चुनौती अभी बाकी है. मौसम विभाग के मुताबिक, जैसे-जैसे अक्टूबर नजदीक आएगा, ठंड का असर और तेज होगा.
यह ठंड सिर्फ सामान्य सर्दी नहीं होगी, बल्कि रिकॉर्ड तोड़ ठिठुरन का रूप ले सकती है. ऐसे में लोगों को अभी से तैयारी करनी होगी—कपड़ों से लेकर सेहत तक और खेती से लेकर रोजमर्रा के कामकाज तक.
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