* विस्फोट पर विस्फोट, चारों तरफ खून, फिर भी लोग डटे रहे
पटना : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने हुंकार रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट में मारे गये समर्थकों के परिजनों से मुलाकात के बाद गुजरात लौटने से पहले पटना हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बिहार की जनता ने अद्भुत शक्ति का परिचय दिया. लाखों लोग दिल से रैली से जुड़े रहे.
हुंकार रैली में विस्फोट-पर-विस्फोट होते रहे, चारों तरफ खून बहते रहे, किंतु जनता ने धैर्य नहीं खोया. रैली में कोई भगदड़ नहीं हुई. यहां की जनता और उसके धैर्य को नमन करता हूं. उन्होंने कहा कि हुंकार-रैली में आतंकियों ने हल्ला बोला, जिसमें कई निदरेष मारे गये. उनके परिजनों से मिलने की इच्छा थी. पार्टी के सामने अपना प्रस्ताव रखा, जिसकी सहमति मिल गयी.
मैं दर्द बांटने और सांत्वना देने आया था. मेरी इच्छा रैली में मारे गये सभी छह लोगों के परिवारों से मिलने था, किंतु मौसम खराब होने के कारण दो परिवारों से नहीं मिल पाया. मौसम की खराबी के कारण गोपालगंज और सुपौल में विमान लैंड नहीं कर पाया. मेरी इच्छा भविष्य में दोनों परिवारों से मिलने की है. उनसे जरूर मिलूंगा. हुंकार-रैली के घायलों के प्रति भी उन्होंने गहरी सहानुभूति जतायी.
राज्य की जनता के धैर्य की खूब तारीफ की है. संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय, भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील मोदी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता रविशंकर प्रसाद, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव सहित कई नेता मौजूद थे. अपने 16 घंटे के बिहार प्रवास में नरेंद्र मोदी गौरीचक, कैमूर, बेगूसराय और नालंदा पहुंच कर हुंकार रैली के दिन सीरियल ब्लास्ट में मारे गये लोगों के परिजनों से मुलाकात कर उनके आंसू पोंछे. कहा, सियासत नहीं, मैं पीड़ित परिजनों का दर्द बांटने आया हूं.
कुहासे और खराब मौसम के कारण वे सुपौल और गोपालगंज नहीं पहुंच पाये. गोपालगंज में जब हेलीकॉप्टर उतरने की इजाजत नहीं मिली, तो वह पुन: पटना वापस लौटे. पटना में गोपालगंज के मृतक मुन्ना श्रीवास्तव की पत्नी से फोन पर बात की, उन्हें ढांढ़स बंधाया. इसके बाद नरेंद्र मोदी बेगूसराय और नालंदा के सरमेरा गये और मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. दोपहर बाद करीब तीन बजे उनका हेलीकॉप्टर पटना पहुंचा. आनन- फानन में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया. मोदी ने राज्य की जनता के धैर्य की प्रशंसा की. करीब पांच मिनट मीडिया से बातचीत के बाद विशेष विमान से अहमदाबाद के लिए रवाना हो गये.
मोदी की इस यात्रा को सांत्वना यात्रा का नाम दिया गया. इस दौरे में बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी और नंदकिशोर यादव उनके साथ थे, जबकि रविशंकर प्रसाद, डॉ सीपी ठाकुर, विधायक अरुण कुमार सिन्हा आदि नेता गौरीचक में उपस्थित थे. शाहनवाज हुसेन सुपौल में उनकी अगवानी के लिए मौजूद थे, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सुपौल नहीं जा सका.
* ब्रिटिश सरकार घोड़े दौड़ाती थी
हुंकार रैली की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि फिल्मों में देखा करता था जनाक्रोश और जन आंदोलनों को कुचलने के लिए ब्रिटिश सरकार घोड़े दौड़ा देती थी, फिर भी लोग डटे रहते थे. फिल्मों में जो देखा, उससे भी बड़ा सच गांधी मैदान की रैली में देखने को मिला. किसी रैली या सभा को फेल करने के लिए कांग्रेस गाय आयी-गाय आयी. कह कर अफवाह फैलाती रही है. लाखों की बात दूर, दो-ढ़ाई सौ लोगों की सभा भी उखड़ जाती थी, किंतु लगातार विस्फोट के बावजूद गांधी मैदान की रैली में लोग डटे रहे. इस तरह के केस का दुनिया भर के विश्वविद्यालय विशेष अध्ययन करते हैं. हुंकार रैली को ले कर भी कोई-न-कोई यूनिवर्सिटी अवश्य विशेष अध्ययन करेगी. उन्होंने बिहार के लोगों को छठ और दीपावली की शुभकामनाएं दीं.
गुजरात के मुख्यमंत्री शुक्रवार की देर रात सवा 11 बजे विशेष विमान से पटना पहुंचे थे. राजकीय अतिथिशाला में रात्रि विश्रम के बाद सुबह 9.45 बजे वह हेलीकॉप्टर से गौरीचक के लिए रवाना हुए.
* गौरीचक 09:52 एएम
कोहरे के कारण नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर सुबह 7.10 बजे के बदले 9 बजे रवाना हो पाया. यहां करीब 9.52 में पहुंचे. परिजनों से मिले और पांच लाख का चेक सौंपा.
* कैमूर 11: 00 एम
कैमूर के रामपुर के निसिया करीब 11.00 बजे पहुंचे. मृतक विकास के परिजनों से मिले. मृतक की पत्नी वीणा ने बताया कि मोदी ने उन्हें नौकरी व दोनों पुत्रों की पढ़ाई का खर्च उठाने का आश्वासन दिया.
* बेगूसराय 1:45 पीएम
पटना हवाई अड्डे से बेगूसराय के लिए रवाना हुए और दोपहर करीब 1.45 बजे में वहां पहुंचे. यहां बरियारपुर पश्चिम गांव जाकर बिंदेश्वरी चौधरी के परिजनों से मुलाकात की.
* नालंदा 2:30 पीएम
नरेंद्र मोदी दोपहर करीब ढाई बजे नालंदा के सरमेरा के परनामा गांव पहुंचे. यहां मृतक राजेश कुमार के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की. इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
– सभा में गाय आने पर भी मच जाती है भगदड़
– यहां तो विस्फोट के बाद भी सभा में लोग डटे रहे
– दर्द साझा करने आया हूं सियासत नहीं
– कोहरे के कारण गोपालगंज व सुपौल नहीं गये
* पीड़ितों के पोछे आंसू, मदद का भरोसा
– बम ब्लास्ट में मारे गये चार लोगों के घर पहुंचे नरेंद्र मोदी, दो के परिजनों से फोन पर की बात
* गौरीचक : कितने दिनों की छुट्टी में आये हो
कितने दिनों की छुट्टी पर आये भाई? पिता जी के निधन से बहुत दुखी हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें..गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें राज नारायण सिंह के पुत्र मनोज कुमार सिंह से कहीं. मनोज श्री नगर में सेना में हैं. मोदी हुंकार रैली के दौरान आतंकी हमले में मारे गये राज नारायण सिंह के परिजनों से मिलने गौरीचक के कमरजी गांव पहुंचे थे. उन्होंने स्व. सिंह के चित्र पर माल्यार्पण किया और उनकी पत्नी शारदा देवी को सांत्वना दी. उन्होंने शारदा देवी को बिहार भाजपा की ओर से पांच लाख का चेक भी दिया. वहां श्रद्धांजलि देने आनेवालों के लिए दरी और प्लास्टिक की चादरें बिछायी गयी थीं.
नरेंद्र मोदी प्लास्टिक की चादर पर ही परिजनों के साथ बैठे और उनके साथ दुख साझा किया. उन्होंने परिजनों की आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने के लिए भी मदद करने का भरोसा दिया. राज नारायण सिंह के बेटों ने परिवार के किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का निवेदन भी किया. इस पर नरेंद्र मोदी ने पहल करने का आश्वासन दिया.
पैदल ही पहुंच गये : राज नारायण सिंह के मकान में जाना मुश्किल था. वहां तक गाड़ी पहुंचने का रास्ता नहीं था, फिर भी मोदी पैदल चल कर उनके बीच पहुंचे. स्व. सिंह की पत्नी शारदा देवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के पहुंचने के बाद उनका दुख कम हुआ है. राज नारायण सिंह की मां रामपति देवी ने नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद दिया. मौके पर भाजपा नेता सुशील मोदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव, राज्यसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता रविशंकर प्रसाद और पूर्व मंत्री अश्विनी चौबे भी थे.
* सुपौल : भरत के परिवार को गोद लेगी भाजपा
हेलो शंकर , मैं आना चाहता था, लेकिन खराब मौसम के कारण नहीं आ पा रहा हूं. बाद में जरूर आऊंगा, आपसे मिलने. आपके परिवार पर बहुत बड़ी विपत्ति आयी है. आतंकवाद के खिलाफ आपके परिवार ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है. यह शहादत बेकार नहीं जाने देंगे. शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को सुपौल आना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण नहीं आ सके. सांसद शाहनवाज हुसैन ने सिमराही स्थित भरत के घर पहुंच कर नरेंद्र मोदी से भरत के परिजनों की बात करायी.
मोबाइल पर बातचीत में श्री मोदी ने भरत के पुत्रों से कहा कि आपका और आपके परिवार का ध्यान भाजपा रखेगी. मोबाइल पर मोदी से बातचीत के बाद सांसद शाहनवाज हुसैन ने भरत के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. श्री शाहनवाज हुसैन ने भरत की पत्नी भोलवी देवी से कहा कि भाजपा उनके पूरे परिवार की चिंता करेगी.
पार्टी की तरफ से भरत के परिजनों को पांच लाख का चेक भी मिलना था, यह चेक एक से दो दिन के अंदर विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल द्वारा मिल जायेगा. श्री हुसैन के साथ अररिया के सांसद प्रदीप सिंह, कटिहार के सांसद निखिल चौधरी, विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल भी मौजूद थे.
* गोपालगंज : तुम्हें बेटी मान चुका हूं, जब चाहो फोन करो
मौसम की खराबी के कारण नहीं पहुंच पाने पर नरेंद्र मोदी ने पूर्व मंत्री जनार्दन सिंह सीग्रीवाल के मोबाइल पर फोन कर मृतक मुन्ना श्रीवास्तव की पत्नी से प्रिया से बात की. प्रिया ने पहले हिंदी, फिर गुजराती में बात की. गुजराती में बोलते सुन मोदी ने पूछा, तुम गुजराती हो? प्रिया ने कहा-नहीं, अपने मां-पापा के साथ धनबाद में गुजरातियों के बीच रही हूं. मैं आपको बापू मान चुकी हूं. नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं भी तुम्हें अपनी बेटी मान चुका हूं. प्रिया ने कहा, मेरी ढाई साल की बच्ची की परवरिश आपके हाथ में है.
* परवरिश हमारी जिम्मेवारी
मोदी ने कहा, तुम्हारी व बच्ची की परवरिश हमारी जवाबदेही है. जब भी तुम्हें कोई जरूरत पड़े, मेरे सेलफोन पर सीधे बात कर लेना. उसके बाद मौजूद पत्रकारों से प्रिया ने कहा कि उनके नहीं आने से मुझे काफी सदमा लगा था, लेकिन बात होने के बाद गर्व है कि मुझे वे अपनी बेटी मान चुके हैं. मुझे उनसे सिर्फ आशीर्वाद की जरूरत थी, जो मुझे प्राप्त हुआ. मौसम की मार के आगे बेबस हुए नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर शहीद मुन्ना श्रीवास्तव के गांव बरी धनेश में नहीं उतर पाया.
नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर लौट कर पटना पहुंच गया, तो अंतत: मोदी ने टेलीफोन पर बात करने का फैसला किया और तब मौजूद पूर्व मंत्री के सेलफोन पर पूरी बात हो सकी. मालूम हो कि मुन्ना श्रीवास्तव की मौत गत 27 अक्तूबर को पटना के गांधी मैदान में भाजपा की हुंकार रैली के दौरान बम विस्फोट में हो गयी थी.
* भभुआ : मुझे अपना बेटा समझें
सीरियल ब्लास्ट में मारे गये विकास के परिजनों से नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की. उन्होंने परिजनों को आश्वस्त किया कि वह परिवार का सदस्य बन कर कमी पूरी करेंगे. मोदी के साथ सुशील मोदी व नंदकिशोर यादव सुबह 10.50 बजे हेलीकॉप्टर से निसिझा गांव पहुंचे. घर से सौ मीटर की दूरी पर रास्ता संकरा होने के कारण उन्हें कार से उतरना पड़ा. कार से उतर कर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए वह घर की ओर बढ़ते रहे. नरेंद्र मोदी विकास के दरवाजे पर पहुंचे और विकास के फोटो पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किये. उन्होंने विकास के पिता मेघनाथ सिंह का पैर छूकर आशीर्वाद लिया. विकास के आठ वर्षीय पुत्र शिवम व पुत्री साक्षी को अपने पास बुला कर उन्हें गले लगाया. विकास के पिता मेघनाथ सिंह ने उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी व दोनों बच्चों के सैनिक स्कूल में दाखिले व खर्च देने की मांग की गयी. मोदी ने कहा-घबराने की जरूरत नहीं. मुझे अपना बेटा समझें.
* बेगूसराय : एक सदस्य को दें नौकरी
बेगूसराय (नगर)/मंझौल/खोदाबंदपुर : बम विस्फोट में मारे गये खोदाबंदपुर प्रखंड के बरियारपुर निवासी बिंदेश्वरी चौधरी को श्रद्धांजलि देने नरेंद्र मोदी दिन के दो बजे पहुंचे. उन्होंने चौधरी की तसवीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद उन्होंने परिजनों से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की. चौधरी की बहू उषा देवी ने नरेंद्र मोदी से एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की. मोदी ने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया. इसके बाद उन्होंने परिजनों को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा. नरेंद्र मोदी के साथ नंदकिशोर यादव व सुशील मोदी भी थे. मौके पर नवादा के सांसद डॉ भोला सिंह, विधान पार्षद रजनीश कुमार, विधायक सुरेंद्र मेहता, रामानंद राम, भाजपा जिलाध्यक्ष संजय सिंह, सवर्ण आयोग के उपाध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय सिंह, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी, भाजपा प्रदेश परिषद सदस्य उपेंद्र प्रसाद सिंह, मृत्युंजय कुमार वीरेश आदि मौजूद थे.
* परिजनों के आंसू ने रुलाया
बिहारशरीफ (नालंदा) : नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरमेरा प्रखंड के अहियापुर मुशहरी गांव में गांधी मैदान बम ब्लास्ट में मारे गये राजेश कुमार के परिजनों से भेंट की. श्री मोदी ने मृतक राजेश के परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में साथ रहने का आश्वासन दिया. मृतक के पिता अंजनी प्रसाद को पांच लाख रुपये का चेक दिया. मृतक की मां कुसुम देवी बेटे के गम में एक कमरे में लेटी थीं. मोदी ने कमरे में जाकर उन्हें सांत्वना दी और मृतक के पिता, तीनों भाई व बहन निशु कुमारी से बातचीत कर संवेदना प्रकट की. मृतक के पिता द्वारा अपने एक बेटे के लिए नौकरी मांगे जाने पर मोदी ने कहा कि हम उनके साथ हैं, उनसे जो भी बनेगा किया जायेगा. मोदी करीब 10 मिनट रहे. मृतक राजेश के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. मां-बहन व मामी की चीत्कार एवं पिता व भाई के आंसू देख मोदी की आंखें भी नम हो गयीं. हैलीपैड से घर तक के करीब डेढ़ किमी के सफर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे.
* मोदी को देखने को आतुर थे ग्रामीण
नरेंद्र मोदी को देखने-सुनने के लिए सुबह चार बजे से कई गांवों के लोग कमरजी पहुंचने लगे थे. हालांकि नजदीक से नरेंद्र मोदी को देखने की उनकी हसरत पूरी नहीं हो सकी. आस-पास के गांव के लोगों को हेलीपैड से एक हजार मीटर की दूरी पर ही रोक दिया गया. उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की गयी थी. मोदी को देखने के लिए लोग अलावलपुर पुल और सुरक्षा बांध पर भी खड़े थे.
गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी जैसे ही राज नारायण सिंह के परिजनों से मिलने पहुंचे वैसे ही नरेंद्र मोदी जिंदाबाद और देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नरेंद्र मोदी जैसा हो के नारे लगने लगे. गांव में आते ही नरेंद्र मोदी ग्रामीणों से मुखातिब होने के बजाय, सीधे राज नारायण सिंह के घर की ओर निकल गये, किंतु वापस लौटने के क्रम में उन्होंने हेलीपैड के चारों ओर घूम कर लोगों का अभिवादन किया.
नरेंद्र मोदी को लेकर सिर्फ कमरजी गांव के ही नहीं, बल्कि आसपास के दर्जनों गांव के लोग उत्साहित थे. सुरक्षा के इतने कड़े प्रबंध थे कि महिलाएं अपने घरों की छत पर भी जमा नहीं हो पायी थीं. नरेंद्र मोदी को उन्हें खिड़की-दरवाजे से ही निहारना पड़ा. फतुहा प्रतिनिधि के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी शनिवार को हुंकार रैली में बम विस्फोट के दौरान मृत कार्यकर्ताओं के परिजनों को सांत्वना देने गौरीचक थाना क्षेत्र के कमरजी गांव पहुंचे. इस दौरान उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीण घंटों आंखें बिछाये खड़े रहे.
मौसम खराब रहने के कारण उनका हेलीकॉप्टर करीब ढ़ाई घंटे विलंब से गांव में बने हेलीपैड पर पहुंचा. इस दरम्यान यहां पर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम राज्य सरकार व गुजरात पुलिस द्वारा की गयी थी. हेलीपैड स्थल पर सुरक्षा की कमान स्वयं पटना के एसएसपी मनु महाराज व डीएम एन सरवनण ले रखे थे.
श्री मोदी के अगुवाई के लिए भाजपा के राष्ट्रीय नेता रविशंकर प्रसाद व सीपी ठाकुर के साथ-साथ प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मंत्री अश्विनी चौबे व प्रेम कुमार पूर्व से ही हेलीपैड से लेकर घर तक तत्पर दिखे. मौके पर भाजपा के प्रो लक्ष्मी नारायण सिंह, बरुण कुमार सिंह, डॉ संजय यादव, सुधीर यादव, वीरेंद्र सिंह, कुंवर विजय पासवान आदि कार्यकर्ता मौजूद थे.
* हेतना फौज तो कबहू न देखली हल
कमरजी गावं की रूपाली देवी गांव में बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा के जवानों को देख कर हतप्रभ थी. पत्रकारों से बातचीत में उसने कहा – गांव में हेतना पुलिस और फौज तो कबहू न देखली हल.
नरेंद्र मोदी के गौरीचक-कमरजी गांव के दौरे को ले कर तीन दिनों से सुरक्षा की तैयारियां चल रही थी. गांव में जगह-जगह बैरिकेडिंग की गयी थी. सिर्फ कमरजी गांव में ही नहीं, बल्कि पड़ोसी गांव फतेहपुर, अलावलपुर और पोली तक में पुलिस के जवान तैनात किये गये थे. शनिवार को, तो सिर्फ पैदल ही लोग कमरजी गांव में आ-जा रहे थे. हुंकार-रैली में मारे गये राज नारायण सिंह के आवास पर गुजरात से आये सुरक्षा दल, बिहार पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारी तैनात थे. उनके आवास पर पारिवारिक सदस्यों के अलावा गिने-चुने लोगों को ही आने-जाने की छूट थी. संकरी गली में बने राज नारायण सिंह के मकान के बाहर मेटल डिडेक्टर लगा दिये गये थे.
सुबह चार-से-पांच बजे कमरजी गांव पहुंचे कुछ पत्रकारों को ही उनके घर में प्रवेश करने का अवसर मिल पाया. घर देखने की इच्छा रखनेवाले पत्रकारों को पुलिस को अपना परिचय पत्र दिखाना पड़ा. गांव के लोहा सिंह ने बताया कि 500 से भी अधिक लाठीधारी पुलिस बल एक दिन पहले ही पहुंच गयी थी. लाठी पार्टी को फतेहपुर स्कूल में ठहराया गया था. इनके अलावा सैकड़ों की संख्या में सस्त्र बल भी तैनात किये गये थे.
नरेंद्र मोदी के पहुंचते ही विशेष सुरक्षा बलों से रू-ब-रू होने का गांव के लोगों को अवसर भी मिल गया. सुबह पांच बजे से ही कमरजी गांव के शिव मंदिर मैदान में पुलिस व सुरक्षा बल चौकस हो गयी थी. सुबह छह बजे तक हेलीपैड तक लोग टहल रहे थे, किंतु सिटी एसपी जयंतकांत के पहुंचते ही इस पर रोक लग गयी. हेलीपैड से एक हजार मीटर की दूरी पर ग्रामीणों को रोक दिया गया. सिर्फ टीवी चैनल के रिपोर्टर और फोटोग्राफरों को ही 500 गज की दूरी पर रोका गया.