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मोकामा और महुआ में बनेंगे निजी औद्योगिक क्षेत्र

मंजूर प्रस्ताव सरजमीं पर आये तो बदलेगी औद्योगिक तसवीर कुमार हिमांशु, पटना राज्य में निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की तैयारी है. राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआइपीबी) दो निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना को मंजूरी दे चुका है. इनमें एक मोकामा और दूसरा वैशाली के महुआ में लगाने का प्रस्ताव है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) […]

मंजूर प्रस्ताव सरजमीं पर आये तो बदलेगी औद्योगिक तसवीर

कुमार हिमांशु, पटना

राज्य में निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की तैयारी है. राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एसआइपीबी) दो निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना को मंजूरी दे चुका है. इनमें एक मोकामा और दूसरा वैशाली के महुआ में लगाने का प्रस्ताव है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) के उपाध्यक्ष जीपी सिंह का कहना है कि बड़ी संख्या में उद्यमी बिहार में उद्योग लगाने और निवेश करने के इच्छुक हैं. लेकिन, यहां नये उद्योगों के लिए जमीन का संकट है. सरकार के पास जमीन की कमी है. निजी औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से उद्योगों को जमीन मिलेगी. राज्य में निवेश बढ़ेगा और बड़ी संख्या में उद्योग लगेंगे. बीआइए का कहना है कि हर जिले में निजी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना होनी चाहिए. इसके लिए सर्कल रेट या जमीन की न्यूनतम कीमत सामान्य होनी चाहिए.

समस्या क्या है

जीपी सिंह का कहना है कि एसआइपीबी से इन प्रोजेक्टों को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन, प्रोजेक्टों को सरजमीं पर उतारने के लिए तकनीकी सहायता की कोई एजेंसी नहीं है. बीआइए ने इसके लिए सरकार को दो अलग-अलग एजेंसियां नियुक्त करने का सुझाव दिया है. एक एजेंसी जमीन मालिकों की तकनीकी सहायता करेगी और दूसरी तकनीकी, वित्तीय और मॉनीटरिंग के मामलों में सरकार का सहयोग करेगी. इससे दोनों स्तरों पर काम में तेजी आयेगी. एसपीवी और बीआइए ने मांग की है कि मंजूर प्रोजेक्टों को जल्दी-से-जल्दी सरजमीं पर लाने के लिए सरकार सभी तरह की मदद करे. इन प्रोजेक्टों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाये. इससे बिहार में जमीन मालिक निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए आगे आयेंगे. श्री सिंह का कहना है कि सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इसे मान लिया है.

न्यूनतम 25 एकड़ जमीन जरूरी

उद्योगों के लिए जमीन अधिग्रहण में कई मुश्किलें आती हैं. ऐसे में सरकार जमीन मालिकों को ही निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रेरित कर रही है. दो या इससे अधिक जमीन मालिक मिल कर अपनी कंपनी बना कर यह काम कर सकते हैं. ऐसी कंपनी को स्पेशल प्रोजेक्ट व्हीकल (एसपीवी) कहा जाता है. यह कंपनी जमीन मालिकों के अधीन होगी, पर जमीन हासिल करने व कारोबार को प्रोमोट करने का काम कंपनी करेगी. एसपीवी अपने पास औद्योगिक क्षेत्र का 10 } जमीन रख सकती है.

20 % बुनियादी ढांचे में लगेगी. 70 } जमीन कम-से-कम 10 उद्योगों को लीज पर देनी है. 10 से कम उद्योग हों, तो सरकार से विशेष अनुमति लेनी होगी. निजी औद्योगिक क्षेत्र के लिए न्यूनतम 25 एकड़ जमीन होनी चाहिए. 50 एकड़ तक के औद्योगिक क्षेत्र के लिए सर्किल रेट पर जमीन की कीमत व बुनियादी ढांचे पर आनेवाले खर्च में सरकार 30% सब्सिडी देगी. 50 एकड़ से ज्यादा बड़े निजी औद्योगिक क्षेत्र के लिए सब्सिडी 40 % है.

40 और 100 एकड़ में बनेंगे

मोकामा में : मेसर्स राम क्षत्रधारी इंडस्ट्रियल एरिया प्राइवेट लिमिटेड, पटना का यहां 40 एकड़ में निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव है. इस पर कुल लागत करीब 60 करोड़ रुपये प्रस्तावित है. एसआइपीबी इस प्रस्ताव को अपनी सहमति दे चुका है. इस औद्योगिक क्षेत्र में डेढ़ एकड़ से पांच एकड़ तक के 14 प्लॉट उद्योगों के लिए उपलब्ध होंगे.

महुआ में : मेसर्स वैशाली इंडस्ट्रियल पार्क प्राइवेट लिमिटेड, पटना ने वैशाली जिले के महुआ में 100 एकड़ जमीन पर निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव दिया है. इसके निर्माण में 115 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च का प्रस्ताव है. एसआइपीबी इस प्रस्ताव पर भी सहमति दे चुका है.

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