पटना : व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या के बाद एसआइटी का गठन किया गया था. एसआइटी शुक्रवार की अहले सुबह पटना पहुंची और पटना पुलिस की मदद से सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज को खंगाला.
पुलिस ने उनके अपार्टमेंट के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे के साथ ही गांधी मैदान के साथ ही महात्मा गांधी सेतु पर लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला. इसमें तीन संदिग्ध लोगों की पहचान की गयी है. पुलिस उनकी पहचान करने में लगी है.
इस मामले में यह स्पष्ट है कि गुंजन खेमका की हत्या करने के लिए उनके घर के आसपास की भी रेकी की गयी और उनके हाजीपुर की ओर जाने की जानकारी अपराधियों ने अपने गिरोह के सदस्य को दी थी. क्योंकि अपराधी पहले से ही उनकी कॉटन फैक्टरी के गेट के आसपास हथियार लेकर इधर-उधर बैठे हुए थे.
उनके पहुंचने के समय से पहले ही वहां अपराधियों का उपस्थित होना बताता है कि गुंजन खेमका के जाने के दौरान उनकी हर गतिविधि की जानकारी अपराधी एक-दूसरे को दे रहे थे.
पुलिस टीम कर रही राघोपुर दियारा में छापेमारी
व्यवसायी गुंजन खेमका हत्याकांड मामले में पुलिस टीम वैशाली के राघोपुर दियारा में लगातार छापेमारी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड के दो आरोपितों को पुलिस तलाश कर रही है.
इसमें दोनों का नाम इस हत्याकांड में भी पुलिस के समक्ष सामने आ चुका है. हालांकि पुलिस इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है. दोनों ही आरोपित कई हत्याकांड, रंगदारी मामले में शामिल रहे हैं.
बृजनाथी सिंह हत्याकांड में फिलहाल जमानत पर है. एक आरोपित दीदारगंज इलाके से भारी संख्या में हथियार के साथ पकड़ा गया था. लेकिन वह भी अभी जमानत पर है. सूत्रों के अनुसार पुलिस की एक टीम लगातार राघोपुर दियारा में ही मौजूद है. इसके साथ ही उन लोगों से जुड़े दो लोगों को भी पुलिस ने उठाया है.
कभी-कभार जाते थे कॉटन फैक्टरी, दूसरी फैक्टरी में भी पहुंचते थे दो बजे के बाद
पटना : व्यवसायी गुंजन खेमका हमेशा अपनी हाजीपुर फैक्टरी में दो बजे दिन के बाद ही पहुंचते थे. वे गांधी मैदान स्थित अपने कटारूका अपार्टमेंट स्थित आवास से हमेशा साढ़े 11 बजे या 12 बजे के करीब निकलते थे और दो बजे तक या उसके बाद ही अपनी फैक्टरी पर पहुंचते थे.
वे हमेशा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कार्टन फैक्टरी में जाते थे और वहां से वापस घर लौट जाते थे. वे कभी-कभार कॉटन फैक्टरी जेके इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड में जाते थे. लेकिन गुरुवार को वे 12 बजे ही अपनी कॉटन फैक्टरी के गेट पर पहुंच गये, जहां उन्हें अपराधियों ने मौत के घाट उतार दिया.
जानकारी के अनुसार वे साढ़े दस बजे ही अपने गांधी मैदान स्थित आवास से निकल गये थे. आखिर ऐसा क्या हुआ था कि उन्होंने अपनी दिनचर्या में बदलाव किया और डेढ़-दो घंटा पहले ही घर से निकल कर फैक्टरी पहुंच गये थे. पुलिस इस बिंदु पर जांच कर रही है. उनके अपार्टमेंट में ही रहने वाले एक बुजुर्ग ने बताया कि वे हमेशा साढ़े 11 बजे या 12 बजे दिन में निकलते थे.
लेकिन कल थोड़ा पहले निकले थे. उनका भी कहना था कि वे कभी-कभी कॉटन फैक्टरी में जाते थे. हालांकि सूत्रों का यह कहना है कि उन्हें किसी ने फोन किया था और कुछ ऐसी जानकारी दी थी, जिसके कारण वे सीधे अपने फैक्टरी में पहुंच गये.
पटना में 70 से अधिक सर्जिकल दुकानें रहीं बंद, छिटपुट रहा असर
पटना : दवा व्यवसायी गुंजन खेमका की हत्या के विरोध में शुक्रवार को शहर की सभी सर्जिकल दुकानें बंद रहीं. इसका सबसे अधिक असर शहर के गोविंद मित्रा रोड में देखने को मिला. सुबह से लेकर पूरी रात थोक सर्जिकल आइटम की दुकानें बंद रहीं. बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले बिहार सर्जिकल एसोसिएशन ने दवा दुकानें बंद रखीं. छिटपुट असर सिर्फ पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में दिखा.
गमगीन था माहौल, छोटे भाई ने दी मुखाग्नि
पटना : गुंजन खेमका की मौत के बाद शुक्रवार को उनके गांधी मैदान के कटारूका अपार्टमेंट में माहौल गमगीन था. रिश्तेदार व जान-पहचान वाले लोगों का तांता लगा हुआ था. इसके बाद साढ़े दस बजे गुंजन खेमका के पार्थिव शरीर को गुलबी घाट लाया गया. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान मुखाग्नि उनके छोटे भाई गौरव खेमका ने दी.
घाट पर हो रहे अंतिम संस्कार में भाजपा व राजद के कई नेतागण भी पहुंचे और उनके पिता गोपाल खेमका को ढांढस बंधाया. इस दौरान सांसद पप्पू यादव, विधायक संजीव चौरसिया, राजद के एमएलसी भोला यादव वहां मौजूद थे. दूसरी ओर वीआइपी के गुलबी घाट पर आने की सूचना मिलने पर पीरबहोर थानाध्यक्ष गुलाम सरवर भी पुलिस टीम के साथ वहां मौजूद थे.
