पटना : किसी महिला या बच्चे के साथ अगर साइबर अपराध होता है तो उसकी शिकायत के लिए पुलिस के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है. साइबर अपराध की अब ऑनलाइन शिकायत भी की जा सकती है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में cybercrime.gov.in वेबसाइट लांच की. इसे साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल नाम दिया गया है. वेबसाइट पर साइबर अपराध, ठगी, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और रेप जैसी घटनाओं की शिकायतें दर्ज करायी जा सकती हैं.
ऑनलाइन शिकायत के बाद गृह मंत्रालय से मामला जांच के लिए प्रदेश पुलिस को भेजा जायेगा. उधर, यौन अपराधियों का भी डाटा ऑनलाइन कर दिया गया है. पुलिस या कोई और जांच एजेंसी किसी भी यौन अपराधी की कुंडली एक क्लिक में पा सकेंगे. आम व्यक्ति भी अपराधियों का ब्योरा पोर्टल के माध्यम से जान सकेंगे. बिहार से ऐसे 55 हजार अपराधियों का डाटा अपलोड किया गया है.
यह आंकड़ा वर्ष 2005 से अब तक का है. यहां मुख्य सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुख्य सचिव दीपक कुमार, गृह सचिव आमिर सुबहानी, जेल आईजी मिथिलेश कुमार मिश्रा, एडीजी सीआईडी विनय कुमार, ईओयू के एएसपी सुशील कुमार आदि दिल्ली में हुए पोर्टल लांचिंग समारोह में शरीक हुए.
पुलिस को शिकायत गंभीरता से लेनी होगी और केस की निगरानी के लिए वरिष्ठ अफसर तैनात करना होगा. खुद गृह मंत्रालय भी केस पर नजर रखेगा और प्रगति की रिपोर्ट लेगा. गृह मंत्रालय की सुपरविजन में जहां केस की जांच तेजी से हो सकेगी, वहीं पुलिस भी जांच में लापरवाही नहीं बरत सकेगी. साइबर अपराध मुख्य रूप से ई-मेल, सोशल साइट, एप डाउनलोड, नेट बैंकिंग और एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर किये जाते हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद गृह सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि बच्चों और महिलाओं से संबंधित साइबर अपराध की सूचना ऑनलाइन पोर्टल पर सीधे दी जा सकती है. इसके अलावा एक और पोर्टल लांच हुआ है, जिसमें यौन अपराधियों का डाटा ऑनलाइन रखा गया है.
बिहार के 55 हजार यौन अपराधियों की कुंडली तैयार
केंद्र सरकार ने देश में यौन अपराध और महिला सुरक्षा को लेकर डाटा बेस तैयार किया है. भारत दुनिया के उन नौ देशों में शामिल हो गया, जहां यौन हिंसा और अपराध से जुड़े अपराधियों का अलग से डाटाबेस तैयार किया गया है. नेशनल डाटाबेस ऑफ सेक्सुअल ऑफेंडर्स (NDSO) के डाटाबेस में बिहार से 55 हजार अपराधियों का ब्योरा शामिल है.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली में हुए समारोह में इस पोर्टल को लांच किया है. भारत के अलावा दुनिया के आठ देशो में इस तरह के अपराध में दोषी लोगों का डाटाबेस तैयार है. इन देशो में केवल अमेरिका ही एकमात्र देश है, जहां आम लोग भी इस डाटाबेस को एक्सेस कर सकते हैं.
लैब के लिए मिला पैसा
साइबर फॉरेंसिक लैब-सह-ट्रेनिंग सेंटर के लिए बिहार सहित अन्य राज्यों को निर्भया फंड के तहत पैसे जारी किये गये हैं. दिल्ली में निर्भया कांड के बाद केंद्र सरकार ने महिलाओं-बच्चों की सुरक्षा के लिए 1 हजार करोड़ का फंड बनाया था. साइबर लैब के लिए 70 करोड़ 14 लाख रुपये जारी किये गये हैं. उधर, बिहार में साइबर फॉरेंसिक लैब-सह-ट्रेनिंग सेंटर कैसा होगा इसके लिए बिहार के एटीएस, एसटीएफ और आर्थिक अपराध की टीम ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित लैब को देखा भी है.
26वें स्थान पर बिहार
साइबर अपराध में बिहार की रैंक देश में 26वीं है. पहले स्थान पर असम है. दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र, तीसरे स्थान पर कर्नाटक है. देश की राजधानी दिल्ली 19वें स्थान पर है. साइबर अपराध के जरिये यौन शोषण से जुड़े छह मामले वर्ष 2016 में बिहार में दर्ज किये गये थे. असम में 41, गुजरात में 28, कर्नाटक में 41, महाराष्ट्र में 144 और उत्तर प्रदेश में 138 मामले सामने आये थे.
