भागलपुर : दिवेश सिंह हत्याकांड में फंसे मेयर दीपक भुवानियां और वार्ड पार्षद संजय सिन्हा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. गिरफ्तारी के निर्देश के बाद शनिवार रात कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों के घर छापेमारी की, लेकिन वो घर में नहीं मिले. पुलिस ने दीपक भुवानियां के परिजनों से पूछा तो जवाब मिला कि मेयर बाहर गये हैं. ऐसा ही कुछ जवाब पुलिस को पार्षद संजय सिन्हा के घर पर भी मिला. छापेमारी में पांच थानों के थानाध्यक्ष और पुलिस अफसर शामिल थे.
पहले मेयर के घर हुई छापेमारी
रात करीब सवा नौ बजे पुलिस मेयर दीपक भुवानियां के घर पहुंची. दस्तक देकर पुलिस ने दरवाजा खुलवाया. घर पर सिर्फ मेयर की पत्नी थीं. महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी ने उनसे मेयर के बारे में जानकारी ली.
पुलिस करीब 15 मिनट तक मेयर के घर पर रुकी, फिर वहां से सीधे आदमपुर स्थित संजय सिन्हा के घर पर धावा बोला. वहां भी आरोपी संजय नहीं मिले. संजय की पत्नी, भाई व अन्य परिजनों से पुलिस ने जानकारी ली.
छापेमारी में कौन-कौन थे : छापेमारी टीम का नेतृत्व केस के आइओ सह कोतवाली इंस्पेक्टर कन्हैया लाल कर रहे थे. उनके साथ आदमपुर थानाध्यक्ष उमेश लाल रजक, तातारपुर थानाध्यक्ष केके अकेला, विवि थानाध्यक्ष समरेंद्र कुमार व महिला थानाध्यक्ष रीता कुमारी शामिल थीं. उल्लेखनीय है कि आठ साल पुराने दिवेश सिंह हत्याकांड में आइजी जितेंद्र कुमार ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश केस के आइओ को दिया है.
छापेमारी या पुलिस का आइवॉश
भागलपुर : मेयर दीपक भुवानियां और वार्ड पार्षद संजय सिन्हा के घर पुलिस ने छापेमारी के नाम पर खानापूर्ति की. आइजी ने 26 मई को दोनों की गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया था, लेकिन निर्देश मिलने के पांचवें दिन पुलिस हरकत में आयी. आइजी के निर्देश का अनुपालन होने में पांच दिन लग गये. इस कारण पुलिस को लौटना पड़ा.
बिना वारंट के पुलिस कर सकती है छापेमारी : मेयर और पार्षद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कोर्ट से वारंट नहीं लिया है. पुलिस ने बिना वारंट के ही दोनों के घर छापेमारी की. इस संबंध में जानकार सूत्रों का कहना है कि पुलिस (आइओ) के पास इतना अधिकार है कि अगर किसी आरोपी के खिलाफ साक्ष्य हो तो उसकी गिरफ्तारी के लिए वारंट न भी हो तो कार्रवाई कर सकती है.
मेयर-पार्षद को नहीं लगा फोन : छापेमारी के बाद मेयर व पार्षद का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क किया गया, लेकिन बार-बार मोबाइल कवरेज एरिया से बाहर बताता रहा. इस कारण दोनों का पक्ष नहीं मिल पाया.