जदयू आज करेगा लोस चुनाव परिणाम की समीक्षा
1, अणो मार्ग में होगी सभी 38 उम्मीदवारों के साथ बैठक
बारी-बारी से की जायेगी बात
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को लोकसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवारों से हार का कारण जानेंगे. 1, अणो मार्ग पर दिन के 11 बजे सभी 38 उम्मीदवारों की बैठक बुलायी गयी है. उनको बारी-बारी से हार के कारणों की व्याख्या करनी होगी. समीक्षा बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह व अन्य प्रदेश पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
समीक्षा बैठक में जो बातें छन कर आयेंगी पार्टी की अनुशासन समिति से कार्रवाई का अनुरोध किया जायेगा. चुनाव परिणाम के बाद जदयू की यह पहली समीक्षा बैठक है. सूत्रों के मुताबिक हार की समीक्षा के बाद अगले दिन कैबिनेट का विस्तार होगा.
11 बजे होगी शुरुआत
बैठक 11 बजे आरंभ होगी. वशिष्ठ नारायण सिंह व नीतीश कुमार के संबोधन के बाद उम्मीदवार अपनी बात रखेंगे. नीतीश कुमार सभी उम्मीदवारों से चुनाव के दौरान आयी कठिनाइयों के बारे में बताने को कहेंगे.
कैबिनेट विस्तार पर चर्चा
उधर, राज्य कैबिनेट विस्तार को लेकर शनिवार की देर रात तक 1,अणो मार्ग में चर्चा चली. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार विमर्श किया. विमर्श में वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी और विधान पार्षद राजीव रंजन सिंह भी मौजूद रहे.
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट विस्तार में कुछ मौजूदा मंत्रियों को संगठन के काम में लगाने की योजना पर भी चर्चा हुई. दो जून को राज्य कैबिनेट का विस्तार होगा. इधर,राज्यसभा चुनाव को लेकर भी पार्टी में कयास जारी है. सूत्र बताते हैं कि राज्यसभा की तीन सीटों में एक पर पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी को उम्मीदवार बनाया जायेगा. जबकि जहानाबाद से पार्टी उम्मीदवार रहे अनिल शर्मा को भी राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा है.
उपचुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा
लोकसभा चुनाव में भारी जीत के बाद भाजपा विधानसभा की 10 सीटों के उपचुनाव की तैयारी में जुट गयी है. शनिवार को इस पर घंटों मंथन चला. उन क्षेत्रों के प्रभारियों, जिला अध्यक्षों व पदाधिकारियों के साथ प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, भाजपा विधानमंडल दल ने नेता सुशील मोदी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव और संगठन महामंत्री नागेंद्र जी ने विचार-विमर्श किया. 10 में से सात विधानसभा सीटें भाजपा के कब्जे में थीं. विधानसभा की पांच सीटें भाजपा विधायकों के सांसद बनने के कारण खाली हुई हैं, जबकि दो पार्टी विधायकों के पाला बदल के कारण. शेष तीन सीटें राजद व अन्य के पाला बदल और इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं.
उपचुनाव में जीत को लेकर जिला अध्यक्षों और चुनाव प्रभारियों को टास्क दिया गया. उन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में बूथ और पंचायत कमेटियों को और मजबूत बनाने को कहा गया है. जिन विधानसभा क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा कमजोर रही, उनके कारणों की पड़ताल करने और उसे दूर करने की सलाह भी जिला अध्यक्षों की दी गयी.