पटना :राज्यसरकार का प्रशासन पर नियंत्रण नहीं रहा. अधिकारी भी नहीं सुन रहे हैं. आज मंत्री को धमकी देनी पड़ रही है कि अगर शिक्षकों को जून तक वेतन नहीं मिलता है, तो मंत्री से लेकर किसी अधिकारी का वेतन भुगतान नहीं होगा. यह सरकार और प्रशासन के बीच बढ़ी खाई को दर्शाता है.
ये बातें शनिवार को भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अराजकता का शिकार हो गया है. एक ओर चार दिनों से इंटर के हजारों छात्र सड़कों पर हंगामा कर रहे हैं, वहीं प्राथमिक व माध्यमिक श्क्षिकों के वेतन भुगतान के लिए मंत्री को अपने प्रधान सचिव को पत्र लिखना पड़ रहा है. यह भयावह स्थिति है. सरकार बिहार के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सरकार के सबसे विद्वान माने जानेवाले शिक्षा मंत्री पीके शाही को अपने विभागीय प्रधान सचिव को पत्र लिख कर अपनी बातें कहनी पड़ रही है. यह हाल तब है जब शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव भी वरिष्ठ और कर्मठ अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं.
मंत्री व प्रधान सचिव के बीच दूरी इतनी बढ़ गयी है कि मंत्री को फाइलों पर आदेश देने की जगह सचिव को पत्र लिखना पड़ रहा है. सरकार और प्रशासन के लिए यह शर्मनाक स्थिति है. इससे साफ है कि भाजपा-जदयू गंठबंधन टूटने के बाद प्रदेश में प्रशासन और सरकार भगवान भरोसे चल रही है. राशि उपलब्ध रहने के बावजूद शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है.