मां ने दो जून की रोटी के इंतजाम के चलते साध रखी थी चुप्पी
राम कृष्णा नगर इलाके में नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म का मामला
पटना : किसी भी पोती के लिए दादा या बाबा का रिश्ता बेहद पवित्र होता है. पवित्र संवेदनाओं से बंधे रिश्ते के चलते हर पोती अपने दादा की गोद में खेलना चाहती है. अलबत्ता दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिग (नौंवी क्लास की छात्रा) के लिए आदर्श भरी ये बातें कल्पना से परे रहीं. उसके लिए तो दादा का रिश्ता भयानक और पीड़ादायी रहा, जिसकी पीड़ा वह रोज भुगत रही थी. कलियुगी दादा की करतूतों की शिकायत अपनी मां से भी की. बेबस मां चुप्पी साध जाती. बोलती कि घर का खर्च वे ही उठाते हैं. विरोध करेंगे तो खाएंगे क्या? तुम्हारे पापा तो हैं नहीं.
इसके बाद उसने जानकारी स्कूल के प्रिंसिपल को दे दी. प्रिंसिपल ने घटना की जानकारी एसएसपी व सिटी एसपी ईस्ट को दी. फिर दादा व उसकी मां को तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया. दोनों को जेल भेज दिया गया. दादा पर आरोप है कि वह जबरन शरीरिक संबंध बनाता था. जबकि मां पर आरोप है कि वह जानते हुए भी उसकी रक्षा करने के बजाय दादा की इच्छा को पूरी करने की बात कहती थी. दादा की उम्र 68 साल है. वह सेना का रिटायर्ड कर्मी है. इसके साथ ही एक बैंक में वह गार्ड की नौकरी करता था. दादा को सेना से पेंशन मिलती है. गार्ड की नौकरी से भी उसे 10-15 हजार की आमदनी हो जाती थी. छात्रा के पिता पूरे परिवार को छोड़ कर चले गये हैं. कहने को कलियुगी दादा ही उसकी पूरी पढ़ाई के साथ घर का सारा खर्च चलाता था. जिसके कारण दादा कुछ भी करता तो उसका विरोध मां भी नहीं कर पाती थी.
छात्रा की नानी पहुंची घर पर, करेगी देखभाल
दादा और मां के जेल जाने के बाद घर में छात्रा व उसके दो भाई व एक बहन ही उस घर में रह रहे थे. जिसके कारण पुलिस ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से वहां एक महिला व एक पुरूष पुलिसकर्मी की तैनाती कर दी गयी थी. पुलिस ने ननिहाल से संपर्क किया. बच्चों की नानी शनिवार की देर शाम रामकृष्णानगर स्थित घर पर पहुंची. नानी अब देखभाल कर रही है.
मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि
सूत्रों के अनुसार छात्रा से दादा द्वारा दुष्कर्म का यह मामला 13 फरवरी का ही है और उसी दिन पुलिस ने पूरी कार्रवाई कर दी. इसके बाद पुलिस ने छात्रा की मेडिकल जांच भी करायी थी. जिसमें प्रथम दृष्टया दुष्कर्म की पुष्टि हो गयी है. पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट कर देगी, ताकि आरोपितों को सजा दिलायी जा सके. पुलिस अधिकारियों की माने तो स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाने की कार्रवाई की जायेगी.