नयी दिल्ली : अगले छह महीनों में न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के दबाव के बीच बीसीसीआई ने अपनी विशेष आम सभा की बैठक आहूत की जिसमें उच्चतम न्यायालय के फैसले के दूरगामी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में दुनिया की सबसे धनी क्रिकेट संस्था को अधिकतर सिफारिशों को मानने के निर्देश दिये हैं.
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सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर चर्चा होगी बीसीसीआई एजीएम में
नयी दिल्ली : अगले छह महीनों में न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के दबाव के बीच बीसीसीआई ने अपनी विशेष आम सभा की बैठक आहूत की जिसमें उच्चतम न्यायालय के फैसले के दूरगामी प्रभावों पर चर्चा की जाएगी. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में दुनिया की सबसे धनी क्रिकेट संस्था को अधिकतर […]
इस फैसले के बाद यह पहला अवसर होगा जबकि बीसीसीआई अपनी सभी मान्यता प्राप्त इकाईयों को आगे की रणनीति से अवगत कराएगा. सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश मार्कंडेय काटजू का बीसीसीआई का कानूनी सलाहकार नियुक्त किये जाने के बाद संभावना है कि बोर्ड उनकी सलाह के अनुरुप ही काम करेगा.
बीसीसीआई चाहेगा तो वह न्यायमूर्ति काटजू को हमेशा ‘विशेष आमंत्रित सदस्य’ के रुप में बुला सकता है ताकि वह संबंधित इकाईयों की चिंता से सीधे अवगत हो सकें. सूत्रों के अनुसार अधिकतर राज्य इकाईयों ने छह महीने के अंदर सुधारों को लागू करने में असमर्थता जतायी है और वास्तविक उद्देश्यों के लिये उन्हें कम से कम 12 से 18 महीने का समय चाहिए होगा. यह एक मसला है जिसका लोढ़ा पैनल को समाधान निकालना होगा.
इस बैठक का इसलिए भी महत्व है क्योंकि बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के सुधारों को लागू करने के संबंध में अगले सप्ताह मंगलवार को लोढ़ा पैनल के साथ बैठक कर सकते हैं. संभावना है कि ठाकुर और शिर्के समिति को सदस्यों की चिंताओं और इकाईयों को जिन व्यावाहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ रह है उनसे अवगत कराएंगे. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद दो राज्य इकाईयों बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के चुनाव भी नहीं हो पाये.
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