नयी दिल्ली : पिछले लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम की अगुवाई कर रहे सरदार सिंह को आज कप्तानी से हटा दिया गया और रियो ओलंपिक के लिये उनकी जगह सीनियर गोलकीपर पीआर श्रीजेश को टीम की कमान सौंप दी गयी. फिलहाल विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में से एक श्रीजेश को लंदन में छह देशों के चैम्पियन्स ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में उनकी अगुआई में टीम के रजत पदक जीतने का फायदा मिला है.
श्रीजेश के लिए खिलाड़ी और कप्तान के रुप में टूर्नामेंट काफी अच्छा रहा और भारत ने टूर्नामेंट के 38 साल के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. भारत ने फाइनल में नियमित समय तक ऑस्ट्रेलिया को बराबरी पर रोके रखा लेकिन इसके बाद टीम विवादास्पद शूट आउट में हार गई.
टीम के अहम सदस्य प्लेमेकर एसवी सुनील को उप कप्तान नियुक्त किया गया है. वह चैंपियन्स ट्राफी में भी श्रीजेश के साथ उप कप्तान थे. अटकलबाजी लगायी जा रही है कि सरदार को हाल के समय में उनके खराब फार्म के कारण कप्तानी से हटाया गया लेकिन भारतीय हाकी टीम के मुख्य कोच और हाई परफोरमेन्स निदेशक रोलैंड ओल्टमैन्स ने कहा कि इस स्टार मिडफील्डर को अतिरिक्त जिम्मेदारियों से मुक्त करने के लिये कप्तानी से हटाया गया.
हॉकी इंडिया के रियो ओलंपिक के लिये महिला और पुरुष टीम की घोषणा करने के लिये आयोजित समारोह में ओल्टमैन्स ने पत्रकारों से कहा, ‘‘कप्तान बदलने के पीछे हमारा सिद्धांत यह है कि हमें लगता है कि लोगों को मैदान के अंदर और मैदान के बाहर अधिक जिम्मेदारियां लेने की जरुरत है. सरदार बहुत अधिक जिम्मेदारियां उठा रहा था और इस वजह से वह वैसा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था जैसी हम उससे उम्मीद करते हैं. ” उन्होंने कहा, ‘‘कप्तान बदलने से मुझे लगता है कि सरदार ओलंपिक खेलों में और बेहतर खेल दिखाएंगे. सरदार ने यह फैसला (उन्हें कप्तान पद से हटाने का) पूरी खेल भावना से लिया है. वह जानता है कि उनसे क्या उम्मीद की जा रही है. ”
मैदान के बाहर भी सरदार मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. ब्रिटेन की एक नागरिक ने उनके खिलाफ शादी का वादा करके बलात्कार करने के आरोप लगाए हैं. ओल्टमैन्स से पूछा गया कि मैदान के बाहर के विवाद के कारण क्या उनका प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘बेशक ये चीजें उन्हें प्रभावित कर रही थी. ” उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिये यह महत्वपूर्ण है कि हम एक टीम के रुप में अच्छा प्रदर्शन करें. हमने चैंपियन्स ट्राफी में खिलाडियों का यह संयोजन आजमाया और यह अच्छी तरह चला.
यह समय अपनी प्रक्रिया को सबसे बेहतर स्थिति पर लाने का है और मुझे अपनी प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है. मुझे खिलाडियों के इस समूह पर पूरा भरोसा है. ” ओल्टमैन्स ने इसके साथ ही कहा कि उन्हें साझा नेतृत्व पर भी पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे साझा नेतृत्व चाहिए. मुझे ऐसे खिलडियों की जरुरत है जो मैदान के अंदर और बाहर जिम्मेदारी उठायें और इसलिए मुझे लगा कि कप्तानी में बदलाव की जरुरत है.
हमने चैंपियन्स ट्रॉफी में कप्तान बदला और इस बदलाव के अच्छे परिणाम निकले. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि अभी सरदार और टीम के लिये यह सबसे बढिया समाधान है. मेरे लिये एक चीज महत्वपूर्ण है और वह टीम है और खिलाड़ी टीम का हिस्सा हैं. ” सोलह सदस्यीय टीम युवा और अनुभव का मिश्रण है. इसमें सात खिलाड़ी ऐसे हैं जो लंदन ओलंपिक में भी खेले थे जबकि नौ नये चेहरे हैं. टीम में रक्षापंक्ति के पांच, मध्यपंक्ति के छह, अग्रिम पंक्ति के चार और श्रीजेश के रुप में एकमात्र गोलकीपर है.
युवा ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह, डिफेंडर सुरेंदर कुमार और मिडफील्डर देविंदर वाल्मिकी को हाल के टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन का इनाम दिया गया है. इन तीनों के अलावा अन्य सभी खिलाडियों का चयन तय माना जा रहा था. टीम से जिन खिलाडियों को बाहर किया उनमें विश्वसनीय डिफेंडर बीरेंद्र लाकडा है जो घुटने के आपरेशन से नहीं उबरे हैं.
टीम में डिफेंडर प्रदीप मोर और गोलकीपर विकास दहिया के रुप में दो स्टैंडबाई खिलाडी भी है. ये दोनों भी रियो जाएंगे क्योंकि भारतीय ओलंपिक संघ ने हाकी इंडिया के आग्रह को मान लिया है. ओल्टमैन्स ने कहा, ‘‘यह टीम अनुभवी खिलाडियों और युवाओं का बहुत अच्छा मिश्रण है और मेरा मानना है कि संभावित खिलाडियों में से चुनी गयी सर्वश्रेष्ठ टीम है. कुल 16 खिलाडियों में से सात को ओलंपिक में खेलने का अनुभव है जबकि नौ नये खिलाड़ी हैं.”
उन्होंने हालांकि कुछ भी भविष्यवाणी करने से इन्कार कर दिया लेकिन रियो में इस टीम से बहुत बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की. ओल्टमैन्स ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य अभी क्वार्टर फाइनल में पहुंचना है और उसके बाद तो कुछ भी हो सकता है. मैं अभी एक ही बात कह सकता हूं कि हम शत प्रतिशत तैयार हैं. मुझे इस टीम पर विश्वास है. पिछले टूर्नामेंटों में अच्छे प्रदर्शन से उनका मनोबल बढा है.” इस बीच सरदार लगता नहीं है कि कप्तानी से हटाये जाने से निराश हैं. उन्होंने कहा कि हाकी टीम गेम है और कप्तानी ज्यादा मायने नहीं रखती. सरदार ने कहा, ‘‘मेरे लिये हाकी और देश पहले आता है.
हमारा एकमात्र लक्ष्य ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है और हम पिछले दो वर्षों से इसके लिये कडी तैयारी कर रहे हैं. मेरे लिये टीम में हर कोई नेतृत्वकर्ता है. हमारा लक्ष्य पदक जीतना है. हमारे लिये यह समय एकजुट होकर लक्ष्य हासिल करने का है. ” उन्होंने कहा, ‘‘देश के लिये खेलना महत्वपूर्ण है. हाकी टीम गेम है और कप्तान की इस खेल में कोई भूमिका नहीं होती है.
मैं श्रीजेश को बधाई देना चाहूंगा. यह समय एकजुट होकर टीम को अधिक मजबूत बनाने और ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का है.” मैदान के बाहर के विवाद के बारे में सरदार ने कहा, ‘‘मेरा ध्यान अभी केवल हाकी पर है. लोग मेरा ध्यान भंग करने की कोशिश कर रहे है लेकिन मेरा लक्ष्य ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है. ”
नये कप्तान श्रीजेश ने कहा कि अन्य कप्तानों से हटकर वह पीछे से टीम की अगुवाई करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ध्यान अपने प्रदर्शन पर रहेगा क्योंकि कप्तान बनने के बाद यदि आप दस गोल खाते तो यह शर्मनाक है. मैं अन्य प्रत्येक खिलाड़ी की मदद करने की भी कोशिश करुंगा. सभी कप्तान आगे बढ़कर नेतृत्व करते हैं लेकिन मैं पीछे रहकर नेतृत्व करुंगा. ”
पुरुष और महिला टीम घोषित करने के आलवा हॉकी इंडिया ने आज भव्य समारोह में टीम को विदाई भी दी. इस समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह थे. उनके अलावा खेल मंत्री विजय गोयल, भाजपा सांसद और बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, अंतरराष्ट्रीय हाकी महासंघ के अध्यक्ष लियांड्रो नेग्रे, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक इंजेती श्रीनिवास, भारतीय ओलंपिक संघ के महासचिव राजीव मेहता और पूर्व हाकी ओलंपियन भी शामिल थे.
टीम इस प्रकार है:
पीआर श्रीजेश (गोलकीपर और कप्तान), हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, कोथाजीत सिंह, सुरेंदर कुमार, मनप्रीत सिंह, सरदार सिंह, वीआर रघुनाथ, एसके उथप्पा, दानिश मुज्तबा, देविंदर वाल्मिकी, एसवी सुनील, अकाशदीप सिंह, चिंगलेनसाना सिंह, रमनदीप सिंह और निकिन थिमैया.
स्टैंड बाई: प्रदीप मोर, विकास दहिया
मुख्य कोच : रोलैंड ओल्टमैन्स.
विश्लेषक कोच : रोजर वान जेंट.
कोच : तुषार खांडेकर.
वैज्ञानिक सलाहकार : मैथ्यू आइल्स.
फिजियोथरेपिस्ट : श्रीकांत आयंगर.
वीडियो विश्लेषक : आदित्य चक्रवर्ती.
मालिशिया : अरुप नसकार.
चिकित्सक : केंजोम, नगोमदीर.