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आनंद ने तीसरी बाजी जीतकर वापसी की, मुकाबला 1-1 की बराबरी पर

सोचि (रुस) : भारत के चैंपियन खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने अपने कौशल का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए मौजूदा चैंपियन मैगनस कार्लसन के खिलाफ तीसरी बाजी जीत ली है. इस जीत के साथ विश्व शतरंज चैंपियनशिप में शानदार वापसी करते हुए विश्वनाथन आनंद ने बाजी बराबर कर ली है. सफेद मोहरों से खेल रहे भारतीय स्टार […]

सोचि (रुस) : भारत के चैंपियन खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने अपने कौशल का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए मौजूदा चैंपियन मैगनस कार्लसन के खिलाफ तीसरी बाजी जीत ली है. इस जीत के साथ विश्व शतरंज चैंपियनशिप में शानदार वापसी करते हुए विश्वनाथन आनंद ने बाजी बराबर कर ली है.

सफेद मोहरों से खेल रहे भारतीय स्टार आनंद ने अपनी शुरुआती चालों से ही साफ कर दिया था कि वह जीत के लिये खेल रहे हैं और आखिर में 34वीं चाल में नार्वे के कार्लसन ने हार स्वीकार कर ली. आनंद ने इस जीत से 12 बाजियों के मुकाबले को 1.5 – 1.5 से बराबरी पर ला दिया है.

इस मुकाबले की पहली बाजी ड्रॉ छूटी थी जबकि कार्लसन ने सफेद मोहरों से खेलते हुए दूसरी बाजी में जीत दर्ज की थी. नार्वे का यह खिलाड़ी आत फिर सफेद मोहरों से खेलेगा. आनंद ने कल की जीत से कार्लसन के खिलाफ क्लासिकल शतरंज में पिछले चार साल से चला आ रहा जीत का सूखा भी समाप्त कर दिया. इस प्रारुप में पांच बार के विश्व चैंपियन ने नार्वे के खिलाड़ी को इससे पहले 2010 में हराया था.

काले मोहरों से खेल रहे कार्लसन ने क्वीन गैम्बिट अपनाया लेकिन आनंद ने अपने वैरीएशन से उन्हें हैरान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. बाद में कार्लसन ने माना कि उन्होंने अच्छी शुरुआत नहीं की. कार्लसन ने कहा, आनंद ने इस बाजी के लिये बेहतर तैयारी की थी और वह जीत का हकदार था. यह ऐसी बाजी थी जिसमें मेरे लिये शुरु से ही सब कुछ गलत हो रहा था.

दोनों खिलाडियों ने लेवोन आरोनियन और माइकल एडम्स के बीच 2013 में खेली गयी बाजी को अपनाया लेकिन लग रहा था कि कार्लसन इस बाजी के लिये अच्छी तरह से तैयार होकर नहीं आये हैं. उन्होंने विश्व चैंपियनशिप में पहली बार आनंद के खिलाफ सैद्धांतिक जंग की चलने की रणनीति अपनायी लेकिन खेल से साफ हो गया कि भारतीय स्टार इसके लिये भी बेहतर तैयारी के साथ आया है.

कार्लसन पर समय कम होने का दबाव भी था और बीच में उन्होंने बाजी बराबरी पर लाने की कोशिश भी की लेकिन आनंद ने उनकी एक नहीं चलने दी. भारतीय स्टार ने शुरु से ही कार्लसन को घेरने की रणनीति अपनायी और 17वीं चाल में अपने घोडे की चाल से कार्लसन को घेर भी दिया था. आनंद ने 20वीं चाल में नई तरकीब अपनायी जिससे उनकी स्थिति काफी मजबूत हो गयी. आलम यह था कि नार्वे के खिलाड़ी को अपनी चाल चलने के लिये लंबा समय लेना पडा.

भारतीय खिलाड़ी ने हालांकि सतर्कता भी बरती और सीधे आक्रमण की रणनीति नहीं अपनायी. उन्होंने कार्लसन को चारों तरफ से घेरकर उन पर दबाव बनाया और नार्वे के खिलाड़ी के अंदाज में ही उन्हें कडा सबक सिखाया. कार्लसन लगातार हार की तरफ बढ़ रहे थे लेकिन वह आखिर तक मौका तलाशते रहे. आनंद ने हालांकि उन्हें कोई मौका नहीं दिया. इस बीच कार्लसन 28वीं चाल के बड़ी गलती कर गये और आखिर में 34वीं चाल में उन्होंने घुटने टेक दिये. विश्व चैंपियनशिप में यह पहला अवसर है जबकि कार्लसन को बाजी गंवानी पड़ी.

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