सोच्चि (रुस) : पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद कल से शुरु होने वाली विश्व शतरंज चैंपियनशिप में मैगनस कार्लसन से हार का बदला चुकता करने की तैयारी में हैं. इसके साथ उनकी निगाहें छठे विश्व खिताब पर भी है.
भारतीय स्टार ने इस साल कुछ टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन करके अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया लेकिन उन्हें फिर भी अंडरडॉग माना जा रहा है लेकिन पिछली बार की तुलना में इस बार उनकी संभावना बेहतर है. यह मुकाबला 12 बाजियों को होगा जिसमें पहली 40 चाल के लिये 120 मिनट, अगली 20 चाल के लिये 60 मिनट और फिर प्रत्येक चाल के लिये 15 मिनट का समय मिलेगा. 61वीं बाजी के बाद प्रत्येक चाल के लिये 30 सेकेंड का अतिरिक्त समय भी मिलेगा.
यदि 12 बाजियों के बाद मुकाबला बराबरी पर रहता है तो फिर विजेता का निर्णय करने के लिये रैपिड बाजियां खेली जाएंगी और यदि तब भी स्कोर बराबर रहता है तो फिर विजेता का फैसला होने तक ब्लिट्ज बाजियां खेली जाएंगी.
विजेता को एक मिलियन यूरो (लगभग 7.6 करोड़ रुपये) की कुल पुरस्कार राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा. आनंद के लिये पिछली बार की तुलना में बेहतर परिस्थितियों में यह नई चुनौती होगी. पिछली बार आनंद शुरु से ही संघर्ष करते नजर आये थे.
आनंद ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर कार्लसन को चुनौती देने का हक पाया. इसके बाद उन्होंने अपने आलोचकों का मुंह बंद करते हुए हाल में बिलबाओ फाइनल मास्टर्स टूर्नामेंट भी जीता. दूसरी तरफ कार्लसन के लिये इस बार काम आसान नहीं लग रहा है लेकिन फिर हाल में औसत प्रदर्शन के बावजूद वह खिताब के प्रबल दावेदार के रुप में शुरुआत करेंगे.
नार्वे के स्टार ने इस साल के शुरु मे रैपिड और ब्लिट्ज में जीत दर्ज की और वह दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं जो एक साथ सभी प्रारुपों में विश्व चैंपियन बने हैं. लेकिन इन जीत के अलावा कार्लसन इस साल दो टूर्नामेंट में दूसरे स्थान पर रहे. इनमें सिंक्वेलफील्ड कप भी शामिल हैं जहां वह विजेता फैबियानो कारुना से तीन अंक पीछे रहे. मौजूदा चैंपियन होने के कारण कार्लसन पर अपेक्षाओं का बोझ भी रहेगा.