नयी दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज सरिता देवी और एशियाड दल प्रमुख आदिले जे सुमरिवाला के निलंबन का मामला अब गरमाता जा रहा है. आदिले जे सुमरिवाला को भी अस्थायी निलंबित करने के आइबा के फैसले की भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) महासचिव राजीव मेहता ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने का कि यह कदम देश का […]
नयी दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज सरिता देवी और एशियाड दल प्रमुख आदिले जे सुमरिवाला के निलंबन का मामला अब गरमाता जा रहा है. आदिले जे सुमरिवाला को भी अस्थायी निलंबित करने के आइबा के फैसले की भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) महासचिव राजीव मेहता ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने का कि यह कदम देश का अपमान है.
मेहता ने कहा, दल प्रमुख का अस्थायी निलंबन देश और आइओए का अपमान है और आइबा के पास आदिले सुमरिवाला को लेकर फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, आइओए इस संबंध में ओसीए और आइओसी को विरोध पत्र लिख रहा है. हम यही कहेंगे कि आइबा ने जो कुछ (दल प्रमुख का निलंबन) किया, वह पूरी तरह से गलत है.
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आइबा) ने एशियाई खेलों के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कांस्य पदक लेने से इंकार करने वाली सरिता देवी के खिलाफ कडा रवैया अपनाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. लेकिन मेहता ने कहा कि मणिपुर की इस मुक्केबाज ने इसके लिये माफी मांग ली थी और इसलिए यह फैसला सही नहीं है.
उन्होंने कहा, जहां तक सरिता देवी के अस्थायी निलंबन की बात है तो उसने इंचियोन एशियाई खेलों के दौरान ओसीए और आइबा से माफी मांगने के बाद कुछ नहीं किया. ओसीए ने सरिता की माफी स्वीकार कर ली थी. हम ओसीए से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सरिता का निलंबन खत्म करने के लिये कहेंगे.