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Year Ender 2019 : चोट के कारण थमी नीरज और हिमा की रफ्तार, एथलेटिक्स की दुनिया में छाया रहा डोपिंग विवाद

नयी दिल्ली : भारतीय एथलेटिक्स के दो बड़े सितारे -नीरज चोपड़ा और हिमा दास- चोटों के कारण सुर्खियों से दूर रहे जिससे वैश्विक पदक के मामले में यह साल देश के एथलेटिक्स के लिए सूखा रहा जिसमें डोपिंग के अलावा उम्र में हेरफेर के विवाद जारी रहे. निराशाओं के बीच हालांकि दुती चंद ने इतिहास […]

नयी दिल्ली : भारतीय एथलेटिक्स के दो बड़े सितारे -नीरज चोपड़ा और हिमा दास- चोटों के कारण सुर्खियों से दूर रहे जिससे वैश्विक पदक के मामले में यह साल देश के एथलेटिक्स के लिए सूखा रहा जिसमें डोपिंग के अलावा उम्र में हेरफेर के विवाद जारी रहे. निराशाओं के बीच हालांकि दुती चंद ने इतिहास रच दिया. वह 100 मीटर की स्पर्धा जीतकर वर्ल्ड यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गयीं.

देश ने मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले और पुरूषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज स्पर्धा (अविनाश साबले) में 2020 ओलंपिक खेलों में स्थान पक्का किया. वर्ष 2018 में नीरज चोपड़ा विश्व स्तरीय भाला फेंक एथलीट बनकर सुर्खियों में रहे थे. लेकिन 22 साल का खिलाड़ी पटियाला में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गया जिसके लिये उन्हें इस साल मई में कोहनी की सर्जरी करानी पड़ी. इससे वह दोहा में एशियाई चैम्पियनशिप के स्वर्ण पदक का बचाव करने नहीं उतर सके. वह विश्व चैम्पियनशिप भी नहीं खेल पाये. जूनियर विश्व चैम्पियन हिमा सत्र के शुरूआती हिस्से में एक्शन में रहीं लेकिन 2018 एशियाई खेलों के बाद उनकी पीठ के निचले हिस्से में लगी चोट उन्हें परेशान करती रही. यूरोप में ट्रेनिंग करने के साथ वह सुर्खियों में आयी क्योंकि चेक गणराज्य और पोलैंड में औसत दर्जें के टूर्नामेंटों में उन्होंने लगातार छह स्वर्ण पदक जीते जिससे मीडिया में हलचल मच गयी. असम की ‘धिंग एक्सप्रेस’ ने हालांकि एशियाई चैम्पियनशिप से हटने का फैसला किया. इस 19 साल की खिलाड़ी को विश्व चैम्पियनशिप में चुना गया लेकिन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने अंतिम मिनट में उनका नाम हटा दिया.

हमेशा की तरह डोपिंग विवाद इस बार भी जारी रहा जिसमें गोमती मरिमुथु से स्टेराइड का पाजीटिव पाये जाने के बाद एशियाई चैम्पियनशिप का पदक छीन लिया गया. एशियाई चैम्पियनशिप के दौरान कांस्य पदक जीतने वाली संजीवनी जाधव को डोपिंग परीक्षण में विफल पाये जाने के बाद अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया. गोलाफेंक एथलीट मनप्रीत कौर को 2017 में चार डोप परीक्षण में विफल पाये जाने के बाद राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी ने चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया.

एथलेटिक्स इस तरह से बाडीबिल्डिंग और भारोत्तोलन के बाद डोपिंग में सबसे ज्यादा खिलाड़ियों के पकड़े जाने वाला देश तीसरा खेल बन गया, जिसमें इस साल करीब 20 डोपिंग मामले सामने आये. वहीं उम्र संबंधित धोखाधड़ी भी जारी रही जिसमें 51 युवाओं को अधिक उम्र का पाया गया जबकि दुनिया के सबसे बड़े प्रतिभा खोज कार्यक्रमों में से एक की प्रतियोगिता राष्ट्रीय अंतर जिला जूनियर स्पर्धा के दौरान परीक्षण से बचने के लिए 169 खिलाड़ी भाग गये. वर्ष 2018 में 100 से ज्यादा एथलीट अधिक उम्र के पाये गये थे और इस साल आंध्र प्रदेश के गुंटुर में राष्ट्रीय जूनियर चैम्पियनशिप के दौरान करीब 100 खिलाड़ी उम्र की हेराफेरी में पकड़े गये थे.

इसके अलावा रायपुर में राष्ट्रीय युवा चैम्पियनशिप के दौरान 50 एथलीट अधिक उम्र के निकले. दोहा में हुई विश्व चैम्पियनशिप में 27 सदस्यीय भारतीय टीम ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन कोई पदक नहीं जीत सके. भारतीयों ने तीन स्पर्धाओं – मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले, पुरूषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज और महिलाओं की भालो फेंक स्पर्धा – के फाइनल में प्रवेश किया. इन तीन में से 3000 मीटर स्टीपलचेज खिलाड़ी अविनाश साबले और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले टीम ने तोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल किया जबकि भाला फेंक एथलीट अनु रानी आठवें स्थान पर रहीं.

अनु भाला फेंक थ्रो के फाइनल के लिये क्वालीफाई होने वाली पहली भारतीय महिला बनी जबकि अविनाश साबले ने तीन दिन में दो बार अपना ही राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा. वहीं दुती ओड़िशा में अपने गांव के एक रिश्तेदार के साथ समलैंगिंक संबंध की बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करने वाली पहली खिलाड़ी बनीं. प्रशासनिक गतिविधियों में एएफआई के अध्यक्ष आदिले सुमरीवाला दूसरे कार्यकाल के लिए विश्व एथलेटिक्स परिषद के दोबारा सदस्य चुने गये.

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