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नवरात्रि विशेष: हर स्त्री में आदिशक्ति विद्यमान, पढिए-उस बहन और बेटी के बारे में जिसने बढ़ाया भारत का मान

या देवि सर्वभूतेषु नारी रूपेण संस्थिता ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ इस बार देश के इतिहास में पहली बार एक साथ नौ महिला खिलाड़ियों का नाम पद्म पुरस्कारों के लिए प्रस्तावित किया गया हैं. इनमें से कोई मां है, कोई पत्नी है, कोई बेटी है, तो कोई बहन है. ये सभी महिला खिलाड़ी भी आदिशक्ति […]

या देवि सर्वभूतेषु नारी रूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

इस बार देश के इतिहास में पहली बार एक साथ नौ महिला खिलाड़ियों का नाम पद्म पुरस्कारों के लिए प्रस्तावित किया गया हैं. इनमें से कोई मां है, कोई पत्नी है, कोई बेटी है, तो कोई बहन है. ये सभी महिला खिलाड़ी भी आदिशक्ति का ही रूप हैं, जिन्होंने इस पुरुष सत्तात्मक समाज में होकर भी अपनी प्रतिभा के दम पर एक बार पुन: यह साबित कर दिखाया है कि ‘हम किसी से कम नहीं’. इस बार सुरभि का नवरात्र विशेषांक समर्पित है नारी शक्ति के इन्हीं नवरूपों और उनकी उपलब्धियों को.

मैरी कॉम (मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम), पद्मविभूषण के लिए नामित
18 वर्ष की उम्र में बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल विजेता. ओलिंपिक में शामिल होनेवाली पहली महिला; बॉक्सिंग में छह बार की वर्ल्ड चैंपियन और पद्मश्री, पद्मभूषण, अर्जुन अवॉर्ड, राजीव गांधी खेल रत्न सहित कई अन्य पुरस्कार जीतनेवाली मैरीकॉम ने उन लोगों को गलत साबित कर दिया, जो मानते हैं कि मां बनने के बाद स्त्री शारीरिक रूप से कमजोर हो जाती है. दो बच्चों की मां बनने के बाद मैरी कॉम के प्रदर्शन में और भी अधिक निखार आया है.

जिस तरह देवी दुर्गा स्वयं शक्ति का स्रोत होते हुए अपने भक्तों को धन-बल प्रदान करती हैं, उसी तरह मैरी कॉम भी अपनी पहचान बनाने के बाद आज गरीब और वंचित तबके की लड़कियों को नि:शुल्क बॉक्सिंग की ट्रेनिंग देकर उन्हें मजबूत और आत्मनिर्भर बना रही हैं. यही नहीं, वह जीव हत्या और जीव उत्पीड़न की सख्त विरोधी भी हैं. मैरी कॉम एकमात्र ऐसी खिलाड़ी हैं, जिन्हें इंटरनेशनल एमेचर बॉक्सिंग एसोसिएशन द्वारा ‘मैग्निफिशिएंट मैरी’ के खिताब से नवाजा गया है.

रानी रामपाल, पद्मश्री के लिए नामित

छह वर्ष की उम्र में हॉकी खेलने शुरू किया; मात्र 14 वर्ष में वरिष्ठ भारतीय महिला हॉकी टीम में चयनित हुईं. वर्ष 2010 में 15 साल की उम्र में हॉकी विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे युवा खिलाड़ी बनीं. अर्जुन पुरस्कार प्राप्त रानी रामपाल वर्तमान में भारतीय महिला हॉकी टीम की सबसे युवा कप्तान हैं. वर्ष 2016 में उनके गोल की वजह से ही भारत ने रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाइ किया था.

पीवी सिंधु (पुसरला वेंकट सिंधु), पद्मभूषण के लिए नामित
आठ वर्ष की उम्र से ही बैंडमिटन खेलना शुरू करके मात्र 18 वर्ष की उम्र में अर्जुन अवॉर्ड, 20 वर्ष की उम्र में पद्मश्री और 21 वर्ष की आयु में ओलिंपिक में सिल्वर मेडल विजेता बननेवाली पीवी सिंधु ने हाल ही में बीडब्ल्यूएफ चैंपियनशिप-2019 का खिताब जीत कर पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है. सिंधु अपने स्पोर्ट्स कैरियर की शुरुआत में ही ऑल इंडिया रैंकिंग कैटेगरी के मैच में पांचवें स्थान पर रही थीं. वह लगातार दो वर्षों तक वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियन रहनेवाली एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं. वर्ल्ड बैडमिंटन फेडरेशन ने उन्हें अपने टॉप-20 खिलाड़ियों की सूची में स्थान दिया है.

पीवी सिंधु का लक्ष्य के प्रति उनका समर्पण इस बात से ही पता चलता है कि वह रोज सुबह 4:15 बजे उठ कर प्रैक्टिस करती हैं, हर दिन 56 किमी की यात्रा करके हैदराबाद स्थित ट्रेनिंग सेंटर में प्रैक्टिस करने जाती हैं. यहां तक कि उन्होंने अपनी फेवरेट हैदराबादी बिरयानी और चॉकलेट से भी खुद को दूर कर दिया है.

सुमा शिरूर,पद्मश्री के लिए नामित
निशानेबाजी की पूर्व सुपरस्टार; जूनियर राइफल टीम की कोच और 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में कंपीट करनेवाली अर्जुन अवॉर्डी सुमा के नाम एशियन शूटिंग चैंपियनशिप क्वालिफाइंग राउंड में अधिकतम 400 अंक का ज्वाइंट वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है.

हरमनप्रीत कौर (हरमनप्रीत कौर भुल्लर), पद्मश्री के लिए नामित

क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग से प्रेरित होकर टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच में शतक लगाने वाली पहली ऑल राउंडर भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच वर्ष 2009 में पाकिस्तान के विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया में खेला था. वह वर्ष 2017 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं.

ताशी मलिक और नुंगशी मलिक,पद्मश्री के लिए नामित
हरियाणा निवासी ताशी मलिक और नुंगशी मलिक पहली ऐसी जुड़वा बहनें हैं, जिन्होंने मात्र 17 वर्ष की उम्र में एक साथ पर्वतारोहण की शुरुआत करके पांच वर्षों में ही सात महाद्वीपों की प्रमुख चोटियों सहित माउंट एवरेस्ट पर भी चढ़ाई का गौरव प्राप्त किया है. इनके नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.

मनिका बत्रा, पद्मश्री के लिए नामित
अपनी बड़ी बहन से प्रेरित होकर मात्र चार वर्ष की उम्र में ही टेबल टेनिस खेलना शुरू किया. राष्ट्रमंडल खेलों में कुल दो स्वर्ण पदक जीतनेवाली अर्जुन अवॉर्डी मनिका बत्रा वर्तमान में भारत की नंबर वन और विश्व में 47वें नंबर की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं.

विनेश फोगाट, पद्मश्री के लिए नामित
2014 राष्ट्रमंडल खेलों में महिला कुश्ती में स्वर्ण पदक विजेता और वर्ष 2018 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतनेवाली पहली भारतीय महिला पहलवान 24 वर्षीया विनेश फोगाट ने हाल में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019 में महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में कांस्य पदक जीता है.

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