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दीपक पूनिया ने तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया, स्वर्ण के लिये भिड़ेंगे

नूर-सुल्तान (कजाखस्तान) : मौजूदा जूनियर विश्व चैम्पियन दीपक पूनिया शनिवार को यहां तोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल करने के अलावा विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 86 किग्रा फाइनल में पहुंच गये. वह इस तरह तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले चौथे भारतीय पहलवान बन गये और सीनियर विश्व खिताब से महज एक कदम दूर हैं. अपनी […]

नूर-सुल्तान (कजाखस्तान) : मौजूदा जूनियर विश्व चैम्पियन दीपक पूनिया शनिवार को यहां तोक्यो ओलंपिक कोटा हासिल करने के अलावा विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 86 किग्रा फाइनल में पहुंच गये.

वह इस तरह तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने वाले चौथे भारतीय पहलवान बन गये और सीनियर विश्व खिताब से महज एक कदम दूर हैं. अपनी पहली ही सीनियर विश्व चैम्पियनशिप में खेल रहे दीपक सेमीफाइनल में स्विट्जरलैंड के स्टेफान रेचमुथ पर 8-2 की जीत से फाइनल में पहुंचे जहां उनका सामना रविवार को 2016 रियो ओलंपिक 74 किग्रा स्वर्ण पदकधारी ईरान के हसन याजदानिचाराती से होगा.

हसन ने 2018 एशियाई खेलों की 86 किग्रा स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था. एस्तोनिया में पिछले महीने ही जूनियर विश्व चैम्पियन बने दीपक ने 2016 में विश्व कैडेट खिताब जीता था. वह अब दोहरे ओलंपिक पदकधारी सुशील कुमार की तरह विश्व खिताब अपनी झोली में डाल सकते हैं.

सुशील ने 2010 में विश्व चैम्पियनशिप खिताब जीता था. बीस साल के इस पहलवान ने सुनिश्चित किया कि भारत विश्व चैम्पियनशिप में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ लौटेगा क्योंकि देश ने अभी तक चार पदक पक्के कर लिये हैं. भारत ने 2013 में तीन पदक हासिल किये थे.

विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और रवि दहिया ने पहले ही कांस्य पदक से 2020 ओलंपिक के लिये क्वालीफाई कर लिया है. दीपक को इस शानदार प्रदर्शन में अपनी आल राउंड काबिलियत – मैच पर बचाव, आक्रमण, स्टैमिना और सतर्कता- का फायदा मिला.

उन्होंने कहा, मैंने वाकई में स्वर्ण पदक और ओलंपिक कोटे की उम्मीद की थी. इसलिये यह मेरे लिये दोहरी खुशी है. मुझे अपने सीनियर खिलाड़ियों जैसे सुशील कुमार और बजरंग पूनिया से काफी प्रेरणा मिलती है.

उन्होंने कहा, जब मैं कजाखस्तान के पहलवान से क्वार्टरफाइनल में लड़ा था तो मैं थोड़े दबाव में था. उसने मुझे इस साल इटली में हराया था और मैं घरेलू पहलवान से भिड़ने में थोड़ा भयभीत था क्योंकि बजरंग की बाउट के दौरान विवाद हो गया था.

राहुल अवारे इसे और बेहतर कर सकते हैं, अगर वह गैर ओलंपिक वर्ग 61 किग्रा की कांस्य पदक मुकाबले में जीत हासिल कर लें. हालांकि जितेंदर (79 किग्रा) अपनी क्वार्टरफाइनल बाउट में हार गये जबकि मौसम खत्री 97 किग्रा के पहले दौर में मौजूदा ओलंपिक चैम्पियन कायले फ्रेडरिक श्नाइडर से 0-10 से हार गये.

दोनों क सफर खत्म हो गया क्योंकि दोनों के प्रतिद्वंद्वी फाइनल में पहुंचने में असफल रहे. दीपक ने कोलंबिया के कार्लोस आर्टुरो मेंडेज के खिलाफ तनावपूर्ण क्वार्टर फाइनल में 7-6 से जीत हासिल कर ओलंपिक कोटा पक्का किया.

सिर्फ एक मिनट बचा था और वह 3-6 से पिछड़ रहे थे लेकिन उन्होंने तनावपूर्ण मैच के अंतिम क्षणों में 7-6 से बढ़त बना ली. दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करने वाले दीपक शुरुआती दौर में एडिलेट दावलुम्बाएव के खिलाफ थोड़े नर्वस दिख रहे थे लेकिन उन्होंने चतुराई से खेलते हुए घरेलू दावेदार को 8-6 से मात दी.

उन्हें ताजिकिस्तान के बखोदुर कोदिरोव से जरा भी चुनौती नहीं मिली और वह 6-0 से जीतकर क्वार्टरफाइनल में पहुंच गये. वहीं राहुल अवारे ने 61 किग्रा प्री क्वार्टरफाइनल में तुर्कमेनिस्तान के केरीम होजाकोव पर तकनीकी श्रेष्ठता के बूते जीत हासिल की.

क्वार्टरफाइनल में राहुल अवारे ने कजाखस्तान के रासुल कालिएव पर 10-7 से जीत दर्ज की. हालांकि वह सेमीफाइनल में जार्जिया के यूरोपीय चैम्पियनशिप के रजत पदकधारी बेका लोमटाद्जे से 6-10 से हार गये. जितेंदर ने मोलदोवा के घेरोगी पासकालोव पर 7-2 की आसान जीत से शुरुआत की.

प्री क्वार्टर में तुर्की के मुहमत नूरी कोटानोग्लू पर भी वह 7-2 से जीत हासिल करने में सफल रहे. हालांकि क्वार्टरफाइनल में उन्हें स्लोवाकिया के ताईमुराज सालकाजानोव के मजबूत डिफेंस के आगे नहीं टिक सके और 0-4 से हारकर बाहर हो गये.

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