नयी दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह को 2018 में निराशाजनक प्रदर्शन के कारण बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया. हालांकि राष्ट्रीय महासंघ ने उनके सामने जूनियर टीम की जिम्मेदारी संभालने की पेशकश की है.
भारतीय हॉकी में कोच पद पर लगातार बदलाव होता रहा है तथा मई में इस पद पर नियुक्त किये गये हरेंद्र अब इसकी जद में आये हैं. हॉकी इंडिया ने हरेंद्र को बर्खास्त करने के कारणों के बारे में बयान में कहा, वर्ष 2018 भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लिये निराशाजनक रहा और परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे और इसलिए हॉकी इंडिया को लगता है कि जूनियर कार्यक्रम पर ध्यान देने से लंबी अवधि में फायदा मिलेगा.
जूनियर विश्व कप विजेता टीम के कोच ने राष्ट्रमंडल खेलों में टीम के लचर प्रदर्शन के बाद जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन वह भी टीम का भाग्य नहीं बदल पाये. भारत ने इंडोनेशिया में एशियाई खेलों में भी खराब प्रदर्शन किया और मौजूदा चैंपियन को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
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इसके बाद भुवनेश्वर में विश्व कप में भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पायी थी. बयान में कहा गया है, हॉकी इंडिया जल्द ही विज्ञापन देकर भारतीय पुरूष हाकी टीम के मुख्य कोच पद के लिये आवेदन आमंत्रित करेगा. भारतीय टीम 23 मार्च 2019 से शुरू होने वाले सुल्तान अजलन शाह कप के लिये फरवरी 2019 में अभ्यास शिविर में भाग लेगी.
हॉकी इंडिया ने कहा, हॉकी इंडिया के हाई परफोरमेन्स निदेशक डेविड जॉन और वर्तमान में समीक्षा कोच क्रिस सिरीलो अंतरिम तौर पर टीम की जिम्मेदारी संभालेंगे. हरेंद्र को सीनियर के बजाय जूनियर टीम की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला सोमवार को हॉकी इंडिया की एक उच्चस्तरीय समिति ने किया ताकि 2021 जूनियर विश्व कप तथा 2020 और 2024 ओलंपिक के लिये मजबूत आधार तैयार किया जा सके.
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बैठक में समिति के अध्यक्ष आर पी सिंह तथा अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया. सदस्यों में ओलंपियन हरबिंदर सिंह, बीपी गोविंदा और सैयद अली भी शामिल हैं. हॉकी इंडिया ने कहा, हरेंद्र सिंह के सामने जूनियर पुरुष टीम का मुख्य कोच बनने की पेशकश की गयी है जिसकी शुरुआत मार्च 2019 में शिविर से होगी.हरेंद्र के कोच रहते हुए जूनियर टीम ने 2016 में खिताब जीता था. इसके बाद वह महिला टीम के कोच थे, लेकिन अगस्त सितंबर में एशियाई खेलों से पहले उन्हें पुरुष टीम की जिम्मेदारी सौंप दी गयी जबकि इससे पहले पुरुष टीम के मुख्य कोच रहे सोर्ड मारिन को महिला टीम का कोच बनाया गया.
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भारत के पिछले महीने विश्व कप क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम के हाथों हार के बाद सहयोगी स्टाफ में बदलाव तय लग रहा था. पूर्व भारतीय कप्तान जफर इकबाल ने हॉकी इंडिया के इस कदम की आलोचना की.
उन्होंने कहा, हॉकी इंडिया का यह रवैया पूरी तरह से गैरपेशेवराना है. ओलंपिक में अब दो साल का समय बचा है लेकिन यह चलन (कोच बदलने का) देखते हुए फैसला हैरानी भरा नहीं है. ऐसे में आप टीम से जीत की उम्मीद नहीं कर सकते हो. यहां तक कि जर्मनी भी सेमीफाइनल में हार गया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसकी टीम खराब है.