नयी दिल्ली : खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने वादा किया कि 2020 ओलंपिक खेलों की तैयारी कर रहे खिलाड़ियों को बेहद सतर्कता के साथ कोष वितरण किया जाएगा.
उन्होंने साथ की कहा कि प्रक्रिया का केंद्रीकरण होने के कारण नौकरशाही से जुड़ी अड़चनें अब अतीत की बात हो गई हैं. इंडोनेशिया में हाल में संपन्न 18वें एशियाई खेलों के पदक विजेताओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित समारोह के इतर राठौड़ ने कहा, हमने स्पष्ट तौर पर और काफी पेशेवर तरीके से जमीनी स्तर और पेशेवर खिलाड़ियों के बीच अपने काम को बांट दिया है.
एलीट खिलाड़ियों को देखने के लिए पेशेवर लोगों का अलग समूह है जिससे कि नौकरशाही आड़े नहीं आयें. उन्होंने कहा, हमारे ऐसी प्रक्रियाओं पर काम करना शुरू कर दिया है जो खिलाड़ियों को सीधे, पारदर्शी तरीके से और तुरंत टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टाप्स) से जोड़ सके.
टाप्स की शुरुआत 2014 में की गई थी जिससे कि उन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए कोष दिया जा सके जिन्हें ओलंपिक में पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा है. फिलहाल खिलाड़ियों का चयन एक समिति करती है और भारत खेल प्राधिरण के महानिदेशक के अंतर्गत आने वाले मिशन ओलंपिक सेल (एमओसी) को चयनित खिलाड़ियों को कोष वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
राठौड़ ने कहा कि भारतीय खेलों के लिए पैसा अब कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि कई कारपोरेट घरानों ने ‘उदारतापूर्वक’ योगदान देना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, अब हमारे पास जमीनी स्तर से लेकर एलीट स्तर तक के लिए कोष उपलब्ध है. कई कारपोरेट हमारे साथ जुड़े हैं.
एशियाई खेलों में 69 पदक के साथ भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद तोक्यो ओलंपिक से उम्मीदों के बारे में पूछने पर राठौड़ ने कहा कि खिलाड़ियों को इस चुनौती के लिए तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. राठौड़ ने कहा, हमने पहले ही 2024 और 2028 ओलंपिक की तैयारी शुरू कर दी है. 2020 ओलंपिक काफी करीब हैं और हमारे जश्न (एशियाई खेलों की सफलता का) के दौरान हम इसे नहीं भूले हैं और खिलाड़ियों को भी यह याद दिलाया है.
उन्होंने कहा, हमारी असली उपलब्धियां 2024 और 2028 ओलंपिक में आएंगी. लेकिन अब भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. प्रत्येक खिलाड़ी को बेहद सटीक और सतर्क सहयोग मुहैया कराया जाएगा जिससे कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ दें (तोक्यो में). 600 दिन के आसपास का समय काफी है, हमारे लिए कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं.
राठौड़ ने कहा कि टाप्स समिति खिलाड़ियों पर ही नहीं बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों के प्रदर्शन पर भी नजर रख रही है. इस समिति में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण और पूर्व मुक्केबाजी महासंघ के महासचिव रहे पीकेएम राजा भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, टाप्स में शामिल ये पेशेवर लोग हमारे खिलाड़ियों पर ही नहीं बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वियों के प्रदर्शन पर भी नजर रख रहे हैं. वे खेल विज्ञान से जुड़े हुए हैं और खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास कर रहे हैं. खेल मंत्री ने कहा कि सरकार साथ ही कोचों और संबंधित राष्ट्रीय खेल महासंघों के प्रदर्शन पर भी नजर रख रही है.
राठौड़ ने खेलों को बढ़ावा देने में राज्य सरकारों की भूमिका पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, खेल राज्य से जुड़ा मामला है लेकिन लोग मेरे से और केंद्र सरकार से पूछते हैं कि आप क्या कर रहे हैं? प्रधानमंत्री इन सवालों पर ध्यान दे रहे हैं और कहीं अधिक कर रहे हैं. खेल मंत्री ने कहा, इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार होनी चाहिए. कितनी राज्य सरकारों ने खेलों का समर्थन किया है और उनका बजट क्या है. हमारे पास खेल संहिता है और हम इस पर काम कर रहे हैं.
राठौड़ ने एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों की तारीफ की. राठौड़ ने दोहराया कि इस साल शुरू हुए खेलो इंडिया स्कूल खेल भारतीय खेलों में बड़ा बदलाव लाएंगे. उन्होंने हालांकि राष्ट्रमंडल खेल या एशियाई खेलों जैसी बड़ी प्रतियोगिता की निकट भविष्य में मेजबानी पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई.
राठौड़ ने कहा, अगर एशियाई खेल या राष्ट्रमंडल खेल आपके अपने देश में होते हैं तो आप फैसला कर सकते हैं कि किन खेलों को हटाया जाए और किन खेलों को शामिल किया जाए जिससे कि आपके पदक की संख्या बढ़ सके. हमने देश के बाहर जाकर विपरीत हालात में प्रदर्शन किया है.