-पाक के धावक अब्दुल खालिक को हराया था
रांची: जापान की राजधानी टोक्यो में हुए तीसरे एशियन गेम्स (1958) मिल्खा सिंह के नाम से जाना जाता है. भारतीय एथलीट मिल्खा सिंह सनसनी बनकर उभरे. मिल्खा ने 200 मीटर और 400 मीटर दौड़ के स्वर्ण पदक रिकॉर्ड सहित जीते. यही वो एशियन गेम्स थे, जिसमें मिल्खा सिंह और पाकिस्तान के प्रसिद्ध धावक अब्दुल खालिक का पहली बार आमना-सामना हुआ और भारतीय एथलीट ने जीत हासिल की थी.
1958 एशियन गेम्स से पहले मिल्खा के नाम पर कोई खास उपलब्धि नहीं थी. 1954 मनीला एशियन गेम्स में शॉटपुट में अपना लोहा मनवाने वाले प्रद्धुमन सिंह बराड़ ने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक जीता. जबकि डिस्कस थ्रो में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. मोहिंदर सिंह ने ट्रिपल जंप और बलकार सिंह ने डिस्कस थ्रो में सोना जीता. इन खेलों में भारत ने कुल पांच स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य सहित कुल 13 पदक जीते.
इनमें से पांच स्वर्ण सहित कुल नौ पदक एथलेटिक्स में मिले. इसके अलावा हॉकी से रजत, मुक्केबाजी से एक रजत और एक कांसा, जबकि फुटबॉल से कांस्य पदक झोली में आया.