ब्रेडा : राष्ट्रमंडल खेलों में खराब प्रदर्शन की निराशा को पीछे छोड़कर भारतीय हाकी टीम पहली बार चैम्पियंस ट्राफी खिताब अपने नाम करने के इरादे से शनिवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेगी. एशियाई चैम्पियन भारत ने 36 बार में अभी तक एक भी चैम्पियंस ट्राफी नहीं जीती है और इस बार टूर्नामेंट के आखिरी सत्र में यह उपलब्धि हासिल करना चाहेगी. भारतीय टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 में रहा जब आस्ट्रेलिया से शूटआउट में हारकर उसने रजत पदक जीता था.
आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम राष्ट्रमंडल खेलों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद चौथे स्थान पर रही. इसके बाद नीदरलैंड के शोर्ड मारिन की जगह हरेंद्र सिंह को पुरूष टीम का कोच बनाया गया जबकि मारिन महिला टीम के पास लौट गये. चैम्पियंस ट्राफी में दुनिया की शीर्ष छह टीमें खेलती है और इस बार ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना, दुनिया की नंबर एक टीम आस्ट्रेलिया, बेल्जियम, मेजबान नीदरलैंड, भारत और पाकिस्तान खेल रहे हैं. भारत को शनिवार को पाकिस्तान से खेलना है जिसके बाद अर्जेंटीना (24 जून), आस्ट्रेलिया (27जून), बेल्जियम (28 जून) और नीदरलैंड (30 जून) से मुकाबले होंगे.
भारत विश्व रैंकिंग में छठे और पाकिस्तान 13वें स्थान पर है लेकिन आमने सामने के मुकाबलों में दोनों का रिकार्ड बराबर है. पिछले कुछ अर्से के नतीजों के आधार पर हालांकि भारत का पलड़ा भारी होगा. भारत ने एशियाई चैम्पियंस ट्राफी 2016 के फाइनल में पाकिस्तान को हराया जिसके बाद लंदन में 2017 हाकी विश्व लीग सेमीफाइनल में उसे मात दी और ढाका में एशिया कप में उसे हराकर दस साल बाद खिताब जीता. भारत के पूर्व कोच और हाई परफार्मेंस मैनेजर रोलेंट ओल्टमेंस के मार्गदर्शन में पाकिस्तान ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को ड्रा पर रोका. तीसरी बार सीनियर टीम के कोच बने हरेंद्र की एशियाई खेलों और विश्व कप से पहले यह असल चुनौती होगी.
उन्होंने कहा ,‘‘ जीत के साथ आगाज करना जरूरी है क्योंकि इससे लय तय होती है. पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले जज्बात पर काबू रखना होगा. हम उससे दूसरी टीमों की तरह ही खेलेंगे.’ गोल्ड कोस्ट में भारत ने सरदार सिंह जैसे सीनियरों को बाहर करके युवाओं को मौका दिया था लेकिन हरेंद्र कोई प्रयोग करने के मूड में नहीं है और राष्ट्रीय शिविर में प्रदर्शन के आधार पर टीम चुनी है. गोलकीपर पी आर श्रीजेश कप्तान होंगे जबकि एस वी सुनील और सरदार की टीम में वापसी हुई है. पाकिस्तान तीन बार (1978, 1980 और 1994) चैम्पियंस ट्राफी जीत चुका है लेकिन हर बार अपनी धरती पर ही खिताब जीता.
पाकिस्तान के पास अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है. कप्तान मोहम्मद रिजवान सीनियर 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं. शफकत रसूल ने 190 मैच खेले हैं.