Davis Cup: भारत ने पहली बार डेविस कप क्वालीफायर्स में प्रवेश कर लिया. सुमित नागल ने विश्व ग्रुप वन मुकाबले में स्विटजरलैंड के प्रतिभाशाली हेनरी बर्नेट को पहले उलट एकल में शनिवार को हराकर भारत को 3-1 से जीत दिलाई. नागल को चौथे मुकाबले में जेरोम किम से खेलना था लेकिन स्विस टीम ने मौजूदा जूनियर आस्ट्रेलियाई ओपन चैम्पियन बर्नेट को उतारा जो 1-6, 3-6 से हार गए. इससे पहले दक्षिणेश्वर सुरेश और सुमित नागल ने एकल मुकाबलों में जेरोमी किम और मार्क आंद्रिया हुसलेर को हराकर भारत को 2-0 से बढत दिला दी थी.
बर्नेट की आक्रामक खेल शैली ने उन्हें कई गलतियां करने पर मजबूर किया, जिसका फायदा नागल को मिला. यह नागल की डेविस कप में वापसी थी, जिन्होंने आखिरी बार सितंबर 2023 में मोरक्को के खिलाफ खेला था. उनकी मौजूदगी टीम के लिए निर्णायक साबित हुई. यह जीत कप्तान रोहित राजपाल के लिए भी अहम है, जिन्होंने 2019 में महेश भूपति की जगह ली थी. विदेशी जमीन पर यह उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
नागल ने बनाए रखा दबदबा
18 वर्षीय बर्नेट ने मैच की शुरुआत धीमी की और पहले ही गेम में सर्व गंवा दिया. हालांकि बाद में उन्होंने शानदार सिंगल-हैंडेड बैकहैंड शॉट्स से कुछ अच्छे विनर्स लगाए. नागल ने अहम ब्रेक तब हासिल किया जब बर्नेट नेट की ओर बढ़ते हुए 30-ऑल पर हाफ वॉली ठीक से नहीं खेल पाए. इससे नागल 4-1 से आगे हो गए. पहला सेट बर्नेट की डबल फॉल्ट के साथ खत्म हुआ. नागल ने दूसरे सेट में भी दबदबा बनाए रखा और शुरुआती ब्रेक हासिल करने के बाद लगातार बढ़त कायम रखी. अंत में बर्नेट की लंबी रिटर्न पर जीत पक्की हो गई.
32 साल बाद जीती भारतीय टीम
भारत की विदेश में किसी यूरोपीय टीम पर 32 साल में यह पहली जीत है. इससे पहले लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन ने 1993 में फ्रांस को क्वार्टर फाइनल में हराया था. भारत ने दिल्ली में 2022 में डेनमार्क को ग्रासकोर्ट पर हराया था. डेविस कप क्वालीफायर का पहला दौर जनवरी 2026 में खेला जायेगा. नागल ने जीत के बाद कहा, ‘‘यह काफी बड़ी जीत है. हम यूरोप में बहुत समय बाद जीते हैं और हमने इसके लिये काफी मेहनत की है. युगल मुकाबला कठिन था क्योंकि दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया.’’
बालाजी और बोलीपल्ली करना पड़ा हार का सामना
इससे पहले एन श्रीराम बालाजी और रित्विक बोलीपल्ली की जोड़ी याकूब पॉल और डोमिनिक स्ट्रिकर से हार गई थी जिससे मेजबान की वापसी की उम्मीदें जाग गई थी. बालाजी और बोलीपल्ली को दो घंटे 26 मिनट तक चले मुकाबले में 7-6, 4-6, 5-7 से पराजय झेलनी पड़ी.
बालाजी और स्ट्रिकर ने शुरूआत में काफी अच्छी सर्विस करके एक भी अंक गंवाये बिना अपनी सर्विस बरकरार रखी. बोलीपल्ली के डबल फाल्ट पर भारत ने पहला अंक गंवाया. भारतीय जोड़ी ने पॉल पर दबाव बनाये रखा लेकिन ड्यूस अंक के बाद स्विस जोड़ी ने वापसी की. भारतीय जोड़ी ने स्ट्रिकर की सर्विस पर छठे गेम में तीन ब्रेक प्वाइंट बनाये. इसमें से तीसरा भुनाया जब स्ट्रिकर का फोरहैंड शॉट नेट में जा लगा. अगले गेम में बालाजी के स्मैश पर भारत ने 5-3 की बढत बना ली.
फोरहैंड रिटर्न पर बालाजी की गलती से स्विस टीम को वापसी का मौका मिला और पॉल ने ब्रेक प्वाइंट भुनाकर स्कोर बराबर कर दिया. टाइब्रेकर में पॉल की लगातार गलतियों से भारत ने पहला सेट जीत लिया. दूसरे टेस्ट में भी स्कोर 4-4 से बराबरी पर था. बालाजी को नौवे गेम में निर्णायक ब्रेक प्वाइंट हासिल करने का मौका मिला लेकिन वह वॉली चूक गए.
पॉल का फोरहैंड पर रिटर्न बाहर चला गया जिस पर भारत को फिर अवसर मिला लेकिन स्ट्रिकर के फोरहैंड पर शानदार रिटर्न से यह भी चूक गया. पॉल ने अपनी सर्विस बरकरार रखी और बोलीपल्ली की सर्विस टूटने पर भारत ने दूसरा सेट गंवा दिया. तीसरे सेट में बोलीपल्ली ने डबल फॉल्ट किया और बैकहैंड पर भी गलती की. पॉल के फोरहैंड विनर पर स्विस जोड़ी को तीन मैच प्वाइंट मिले और बोलीपल्ली की रिटर्न नेट में जाने पर उन्होंने तीसरा सेट और मैच जीत लिया.
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